सरकार भानु प्रताप तिवारी
जिले के महराजगंज के क्षेत्र घुघली,महराजगंज सदर,निचलौल, सिसवा, में गांव-गांव में झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार है। चाय की गुमटियों जैसी दुकानों में झोलाछाप डॉक्टर मरीजों का इलाज कर रहे हैं। मरीज चाहे उल्टी, दस्त, खांसी, बुखार से पीड़ित हो या फिर अन्य कोई बीमारी से। सभी बीमारियों का इलाज यह झोलाछाप डॉक्टर करने को तैयार हो जाते हैं। मरीज की हालत बिगड़ती है तो उसे आनन-फानन में जिला अस्पताल या गोरखपुर रेफर कर दिया जाता है, जबकि यह लापरवाही स्वास्थ्य विभाग के जनपद महराजगंज में बैठे ड्रग इंस्पेक्टर से लेकर आला अधिकारियों तक को है पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
बिना लाइसेंस के दवाओं का भंडारण भी करते हैं डॉक्टर
झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा बिना पंजीयन के एलोपैथी चिकित्सा व्यवसाय ही नहीं किया जा रहा है, बल्कि बिना ड्रग लाइसेंस के दवाओं का भंडारण व विक्रय भी अवैध रूप से किया जा रहा है। इन दिनों मौसमी बीमारियों का कहर है। झोलाछाप डॉक्टरों की दुकानें मरीजों से भरी पड़ी हैं। मौसम बदलने से उल्टी, दस्त, बुखार जैसी बीमारियां ज्यादा पनप रही हैं। झोलाछाप डॉक्टर बीमारियों का फायदा उठाकर मरीजों को जमकर लूट रहे हैं।
केस बिगड़ने पर अस्पताल रेफर कर देते हैं मरीज
बीते कुछ वर्षों से फर्जी डिग्रीधारी डॉक्टरों की वृद्धि हुई है। ग्रामीण क्षेत्र में कोई मात्र फर्स्ट एड के डिग्रीधारी हैं तो कोई अपने आप को बवासीर या दंत चिकित्सक बता रहा है, लेकिन इनके निजी क्लीनिकों में लगभग सभी गंभीर बीमारियों का इलाज धड़ल्ले से किया जा रहा है। कुछ डॉक्टरों ने तो अपनी क्लिनिक में ही ब्लड जांच, यूरीन जांच इत्यादि की सुविधा भी कर रखी है।
फर्जी डॉक्टरों व फर्जी मेडिकल स्टोर के हवाले घुघली के मरीज
आपको बता दे कि घुघली क्षेत्र के बेलवा टिकर ग्राम सभा मे बंगाली डॉक्टर के नाम से प्रशिद्ध के एक फर्जी मेडिकल स्टोर संचालक जिसका नाम भूपति कुमार है जिसके प्रेक्टिस 20 सालों से है जिसकी रजिस्ट्रेशन है लेकिन कोई फार्मासिस्ट की डिग्री नहीं है जबकि प्रशासन के आंख में खुलेआम धूल झोंक कर ऐसे फर्जी बंगाली डॉक्टर अपना लूट खशोट कर रहे है एरा न्यूज चैनल के क्राइम रिपोर्टर भानु प्रताप तिवारी के स्टिंग ऑपरेशन में ये मामला खुल के आया कि वहां मरीजो का शोषण होता है और नाबालिग बच्चों से दवाइयां लिखवा कर मरीजो को दिया जाता है और इतना ही नहीं उनसे बाकायदा सुई और बोतल भी चढ़वाया जाता है अब सोचने का विषय है की क्या ऐसे में कोई मरीज मर जाता है तो उसका जिम्मेदार ये झोलाझाप डॉक्टर होंगे या जिला प्रशासन।
घुघली नगर सहित क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टरों की क्लीनिक धड़ल्ले से चल रही हैं। इनमें से ज्यादातर दुकानें दुहाई दरवाजा, घुघली,,व खुशहाल नगर क्षेत्र में है। इन फर्जी डॉक्टरों के पास मेडीसिन की कोई वैध डिग्री नहीं है और उनकी योग्यता हाईस्कूल या हायर सेकंडरी पास है, लेकिन मरीजों से इलाज के एवज में ये डॉक्टर मोटी रकम वसूल रहे हैं। कई ऐसे डॉक्टरों ने तो अपने एलोपैथिक के साथ होम्योपैथिक और आयुर्वेदिक इलाज की व्यवस्था ही नहीं कर रखी है, बल्कि मरीजों के लिए ताबीज और झाड़फूंक और इन डॉक्टर को अपने आप को बंगाल से आये हुये बंगालियों की जो अपने आप को डॉक्टर कहते है जिनके पास न तो कोई डिग्री है न ही कोई लाइसेंस यहां तक की व्यवस्था कर रखी है, जबकि घुघली स्वास्थ्य केंद्र और क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की हालत बिगड़ने से ग्रामीण क्षेत्र के मरीज इन झोलाछाप डॉक्टरों के सहारे इलाज करवा रहे हैं, लेकिन प्रशासन सहित समूचा स्वास्थ्य महकमा मौन है।
नहीं होती मेडिकल स्टोरों की जांच क्योंकि ड्रग विभाग तक भृष्ट
महराजगंज के घुघली में धड़ल्ले से मेडिकल स्टोर खुलते जा रहे हैं। जबकि देखा जाए तो अधिकतर मेडिकल स्टोर संचालकों के पास लाइसेंस ही नहीं है।
इनका कहना है
हम समय-समय पर झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई करते हैं। अगर घुघली व पुरैना में झोलाछाप डॉक्टरों की दुकान चल रही है तो हम टीम गठित कर कार्रवाई करेंगे। वहीं मेडिकल स्टोरों की भी जांच की जाकर कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. अमित सिंह घुघली सामुदायिक स्वास्थ्य प्रभारी