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विधानसभा चुनाव 2022: चार राज्यों में भाजपा के हाथ लगी ऐतिहासिक जीत, जातीय राजनीति पर भारी पड़ा जनादेश, जानिए जीतने हारने का कुछ कारण….

भगवा होली : पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में से चार राज्यो मे मतदाताओं ने भगवा होली खेली। चार राज्यों यूपी, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में भाजपा के हाथ गुलाल तो विपक्ष पार्टियों को केवल हार हाथ लगी। यूपी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में भाजपा गठबंधन ने न सिर्फ 273 सीटें जीतीं, बल्कि ऐतिहासिक जीत के साथ लगातार दूसरी बार सत्ता पर काबिज हाने का रिकॉर्ड भी रच दिया।

सपा-रालोद गठबंधन को सीटें भले 125 मिलीं लेकिन भाजपा के लिए वे कोई चुनौती नहीं बन सके। बसपा और कांग्रेस की तो बुरी तरह हार हो गई। भाजपा ने उत्तराखंड में भी इतिहास रचा, जहां सत्ता पर लगातार दूसरी बार काबिज होने वाली वह पहली पार्टी बन गई। उसे 47 सीटें मिली हैं।

सुदूर उत्तर पूर्व मणिपुर में और पश्चिमी तटीय राज्य गोवा में भी पार्टी ने न सिर्फ अपनी सत्ता कायम रखी, बल्कि पिछली बार से भी बेहतर प्रदर्शन किया। हालांकि, इस भगवा आंधी को पंजाब में आम आदमी पार्टी ने थाम लिया जिसने कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करते हुए 92 सीटें जीतीं।

जानिए जीतने हारने का कुछ कारण….
भाजपा : मजबूत संगठन के चलते विपक्षी दलों पर भारी पड़ी। गरीबों को आवास, निशुल्क राशन व सुरक्षा के माहौल के चलते जनता का भरोसा बरकरार रहा।
सपा : दल-बदलुओं को तरजीह। टिकट वितरण में देरी, उम्मीदवारों व संगठन में समन्वय का अभाव। घोषणा पत्र के वादों को जनता तक पहुंचाने में असफल।
बसपा : पार्टी की कमजोर रणनीति के साथ प्रचार भी कमजोर रहा। मैदान में प्रत्याशी बहुत कम नजर आए। अधिकतर दिग्गज पार्टी छोड़ गए।
कांग्रेस : कमजोर संगठन ने स्थिति और खराब की। सिर्फ चुनाव के समय सक्रियता लोगों को रास नहीं आई। शीर्ष स्तर तक बात पहुंचाना बड़ी चुनौती।

यूपी सरकार के 47 मंत्रियों में से 39 को जीत मिली। इनमें सतीश महाना, रमापति शास्त्री, आशुतोष टंडन, श्रीकांत शर्मा जैसे मंत्री शामिल हैं। हालांकि डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री सतीश द्विवेदी समेत 8 मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा। सिराथू में केशव को सपा प्रत्याशी पल्लवी पटेल ने हराकर चौंका दिया।

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