संकट: इस समय भारत के विभिन्न विश्वविद्यालयों में हजारों अफगानी छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। अफगानिस्तान की स्थिति देखकर वे अपने देश वापस भी नहीं जाना चाहते हैं, लेकिन उनके लिए यहां रहना भी मुश्किल हो गया है। आर्थिक बदहाली से गुजर रहे अफगानी छात्रों के अभिभावक उनके लिए पैसा नहीं भेज पा रहे हैं जिससे उनकी मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। अकेले इंडियन काउंसिल फॉर कल्चरल रिलेशन (आईसीसीआर) के माध्यम से विभिन्न कोर्स में पढ़ाई कर रहे ऐसे छात्रों की संख्या 2142 है। विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि 400 छात्रों के कोर्स की अवधि भी खत्म हो गई है, जिसके बाद उन्हें मिलने वाली स्कॉलरशिप भी बंद हो गई है।
अधिकारी के अनुसार, इन छात्रों की वीजा अवधि भी समाप्त हो गई है, जिसे आगे बढ़ाने के लिए गृह मंत्रालय से अनुरोध कर दिया गया है, लेकिन असली समस्या इन्हें यहां आर्थिक मदद उपलब्ध कराने की है। इन छात्रों को यहां अस्थाई तौर पर कोई रोजगार भी नहीं मिल रहा है जिससे उनकी समस्या बढ़ गई है। विषम स्थिति में फंसे अफगानी छात्र संस्था के दूसरे कोर्स में प्रवेश लेकर यहां रहने और स्कॉलरशिप जारी ऱखने की संभावनाएं तलाश रहे हैं।
एक तरफ भारत में पढ़ने वाले अफगानिस्तान के छात्र अपने घर वापस नहीं जाना चाहते, तो दूसरी तरफ अफगानिस्तान के लगभग 800 छात्र भारत के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ाई के लिए आवेदन कर चुके हैं और उनका आवेदन स्वीकार भी किया जा चुका है। लेकिन अफगानिस्तान से वायु सेवाएं बंद होने के कारण वे भारत नहीं आ पा रहे हैं।
