Uttar Pradesh

BREAKING NEWS: भट्ट समाज कमजोर नहीं है, उसे भट्ट पदवी से आरक्षण कदापि ना मिले -जिलाध्यक्ष भट्ट समाज रमाशंकर

रायबरेली: रायबरेली मे भट्ट समाज को आरक्षण दिए जाने की सरकार की मंशा पर भट्ट समाज ने कड़ा विरोध जताया है उन्होंने अखिल भारतीय श्री भट्ट ब्राह्मण महासभा ने भट्ट पदवी को आरक्षण दिए जाने के फैसले का कड़ा विरोध किया है । महासभा ने राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग लखनऊ को एक पत्र लिख कर अपना विरोध जताया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि भट्ट ब्राह्मणों की उपाधि को जाति मानकर अन्य पिछड़े वर्ग की सूची में विधानसभा चुनाव के पूर्व सम्मिलित किए जाने की तैयारी आयोग कर रहा है । जिसके लिए उन्होंने छह सूत्रीय मांगों को लेकर पत्र लिखा है ।

जिसमें उन्होंने कहा है कि आरक्षण हेतु पिछड़े वर्ग की सूची में जातियां या उपजातियां ही शामिल की जाती हैं भट्ट न तो जाति है और ना उप जाति है। भट्ट हमारे आदि पुरुष कवि ब्रह्मपुत्र ब्रह्मा की विद्वता पर आधारित ब्राह्मण जाति की एक उपाधि है । मुगलकालीन राजभाषा फारसी में इसे भाट कहा जाता था । किन्तु इस पदवी धारक  की जाति सदा ब्राह्मण ही मानी गई है । इसके विपरीत भाट जाति के रूप में यह शब्द मुस्लिम भाट ,भाट भिखारी, नट, नट भाट, नटभटा आदि का परिचायक है । शुरू में जो हिंदू भाट भिखारी थे।

वह भिक्षाटन के समय मुसलमानों के यहां खाना पानी लेने से मुस्लिम बात मान लिए गए थे । भारत में भाट शब्द ही मुसलमानों के साथ आया है । पत्र में कहा है कि कुछ भट्ट ब्राह्मण आर्थिक एवं शैक्षिक रूप से पिछड़े हो सकते हैं । किंतु सामाजिक रूप से कदापि नहीं। जो सामाजिक रूप से पिछड़े हैं और आर्थिक रुप से कमजोर हैं। सरकार उनको आरक्षण दे सकती है । पत्र में यह भी बताया कि ऋषी शुक्राचार्य ,ब्राम्हणों के पितर सोमपा, आर्यभट्ट ,बाणभट्ट गंगा भट्ट,कुमारिल भट्ट, भट्ट मंडन मिश्र ,चाणक्य, सूरदास, पंडित विश्वनाथ, कविराज नरहरिदास ,जगत गुरु नारायण ,भट्ट रविंद्र नाथ टैगोर ,जगतगुरु वल्लभाचार्य, सत्यनारायण भट्ट भास्कर डॉक्टर मुंशी राम शर्मा ,  भगवान लाल ,समर्थ गुरु भट्ट रामदास ,राजा बीरबल ,पेशवा बाजीराव, झांसी की रानी लक्ष्मी बाई, नाना साहब बाल गंगाधर तिलक ,गोपाल कृष्ण गोखले, जैसे महान विद्वान बौद्ध धर्म रक्षक राजा योद्धा राजिनीतिज्ञ के वंशजों को कौन पिछड़ा वर्ग में मानेगा, पत्र में कहा है कि यदि यह पिछड़ा है तो उच्च वर्ग कौन सा है।

पत्र में कहा है कि जुलाई 2017 में राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की सलाह से भट्ट ब्राह्मण को उच्च कोटि की ब्राह्मण जाति का होने से अगडा मान चुकी है और आरक्षण  मागने वाले ह्दय नरायन  द्वारा अपनी भाट जाति को भट्ट ब्राह्मण का पर्यायवाची बताने पर उनकी मांग अमान्य कर चुकी है । नवनिर्वाचित जिला अध्यक्ष रमाशंकर शर्मा ने कहा कि सरकार यदि किसी दबाव व भट्ट को ओबीसी में आरक्षण आरक्षण देना ही है तो ब्राह्मण जाति से आरक्षण मिले ।  उसकी उपजाति भट्ट ब्राह्मण के नाम से आरक्षण की उपाधि से आरक्षण कदापि  नही मिलना चाहिए । इस मौके पर प्रदीप कुमार शर्मा अरविंद शर्मा आलोक शर्मा पंडित अशोक कुमार शर्मा धर्मेंद्र शर्मा पंडित मुकेश शर्मा चंद्रभान शर्मा दिनेश प्रकाश शर्मा नागेंद्र शर्मा दुर्गा प्रसाद शर्मा सुखदेव प्रसाद शर्मा पंडित हरिहर प्रसाद शर्मा नेहा शर्मा ज्योति शर्मा मुस्कान शर्मा आदि समाज के लोग मौजूद रहे और सरकार द्वारा दिए जा रहे इस आरक्षण का पुरजोर ढंग से विरोध किया।

उन्होंने कहा कि ब्राह्मण आर्थिक रूप से भले ही कमजोर है परंतु उसे आरक्षण की कोई आवश्यकता नहीं है । इसलिए सरकार समस्त जातियों का आरक्षण समाप्त करें तभी समानता देश में आ सकती है।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top