India

BREAKING NEWS: कोरोना की सस्ती रैपिड किट्स का इस्तेमाल सबसे ज्यादा यूपी-बिहार में हो रहा

जांच: कोरोना वायरस की जांच को लेकर देश में अभी दो तरह की किट्स का इस्तेमाल किया जा रहा है। एक रैपिड जांच किट है जो किफायती होने के साथ साथ बड़े स्तर पर इस्तेमाल की जा रही है। जबकि दूसरी जांच (RT-PCR) आरटी-पीसीआर है जिसके जरिये 100 फीसदी वायरस की पहचान संभव है। राष्ट्रीय स्तर पर 49 फीसदी जांच रैपिड किट्स के जरिये हो रही हैं लेकिन आबादी के लिहाज से दो बड़े राज्य उत्तर प्रदेश और बिहार में रैपिड किट्स का इस्तेमाल सबसे ज्यादा किया जा रहा है।

उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में सबसे ज्यादा इन्हीं किट्स के जरिये जांच की जा रही है। हालांकि यह रैपिड की तुलना में महंगी और लैब में अतिरिक्त समय लेने वाली जांच है। इसलिए अशोका यूनिवर्सिटी और मुंबई स्थित होमी भाभा नेशनल इंस्टीट्यूट के संयुक्त अध्ययन में सलाह दी गई है कि कुछ शर्तों के साथ रैपिड किट्स का इस्तेमाल किया जा सकता है।

हाल ही में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने भी अध्ययन के जरिये यह दावा किया था कि रैपिड जांच के जरिये बेहतर परिणाम हासिल किए जा सकते हैं। इसी अध्ययन के बाद यह तय हुआ कि जो लोग एंटीजन जांच में पॉजीटिव मिलते हैं उनकी दोबारा से आरटी-पीसीआर जांच कराने की जरूरत नहीं है। उन्हें संक्रमित मानते हुए कोविड प्रबंधन नियमों का पालन किया जाए।

विशेषज्ञों का कहना है कि दूसरी लहर आने के बाद भारत में बड़ी आबादी का जांच के दायरे में आना जरूरी था। इतनी आबादी की जांच और सही संक्रमण दर का पता लगाने के लिए दोनों किट्स का इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे समय और खर्चा दोनों ही बचत होगी l
इनके अलावा जांच किट्स पर जोर देने से बेहतर मास्क पहनना, परीक्षण के साथ आइसोलेशन और क्वारंटीन पर ध्यान ज्यादा देने की जरूरत है l

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

Uncategorized

उत्तर प्रदेश पुलिस का सिपाही मिशन शक्ति जैसे अभियान को दिखा रहा ठेंगा!दो बीवियों के बीच फसा उत्तर प्रदेश पुलिस का सिपाही,एक बीवी घर तो दूसरी को ले तैनाती क्षेत्र में रह रहा था! घर वालों को पता चलने पर दूसरी को छोड़ा तो दूसरी बीवी ने किया मुकदमा!उत्तर प्रदेश में कानून का रखवाला ही कानून की धज्जियां उड़ा रहा,शादीशुदा होने के बावजूद कई सालों से दूसरी महिला को पत्नी बनाकर साथ में रह रहा था! बताते चलें कि देवरिया जिले का सिपाही ना०पु०062620433 रवि प्रताप जो पहले से शादीशुदा था महाराजगंज में तैनाती के दौरान महाराजगंज की एक महिला को भी अपनी पत्नी बनाकर साथ में रखा हुआ था! कई सालों तक साथ में रहने के बाद जब घर वालों को पता चला तो वह दूसरी बीवी को छोड़कर भागने के फिराक में लग गया! लेकिन दूसरी बीवी उसे भागता देख जिले के ही पुलिस अधीक्षक के पास शिकायत लेकर पहुंची और सिपाही रवि प्रताप के खिलाफ 376,और 493/506, समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है! अब सवाल यह उठ रहा है कि ऐसी धाराओं में मुकदमा दर्ज होने के बाद भी सिपाही रवि प्रताप निश्चिंत होकर अपनी ड्यूटी गोंडा जिले के जीआरपी में कर रहा है और कानून के बीच के बीच फसाकर दूसरी बीवी को प्रताड़ित कर रहा है!आपको बताते चलें कि महाराजगंज जिले में यह मामला काफी चर्चा में रहा है लेकिन विभागीय होने के नाते पुलिस विभाग के द्वारा भी आज तक ना तो सिपाही रवि प्रताप को गिरफ्तार किया गया ना ही उसकी दूसरी पत्नी के लिए न्याय संगत कोई कदम उठाया गया! कागजी कार्यवाही में कोटा पूर्ति करके सिर्फ महिला को थाने कचहरी और कोर्ट तक भगाया गया अब प्रश्न यह उठता है कि जब एक व्यक्ति कई सालों तक उक्त महिला के साथ रह रहा था तो ऐसे में उस महिला के ऊपर पड़ने वाले खर्च का भार कौन उठाएगा और किस के भरोशे न्याय के नियत दर-दर भटकेगी! बात करने पर सिपाही रवि प्रताप की दूसरी पत्नी ने बताया कि सिपाही रवि प्रताप के रिश्तेदारों के द्वारा उसे जान से मारने की धमकी भी मिल रही है और तरह-तरह के कूट रचित योजनाओं सेवा किसी भी तरीके से मामले को सुलह के रास्ते पर ले जाना चाहता है! उक्त प्रकरण में जो कि मामला गिरफ्तारी का है कि बावजूद कानून व्यवस्था को ही इस्तेमाल कर उक्त सिपाही इस मामले से निकल अपनी रोटी सेक दूसरी महिला के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहा है! जहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मिशन शक्ति अभियान के तहत महिलाओं की सुरक्षा और उनके जीवन को मजबूत रखने के लिए तरह-तरह के कानून बना रहे हैं वहीं ऐसे भ्रष्ट और अयाश कानून के रखवाले सारे कानून को तोड़ सरकार की मंशा पर पानी फिरने का काम कर रहे हैं!(साक्ष्य मौजूद)

To Top