Health

BREAKING NEWS: रक्त समूह AB के लोगों को कोविड का जोखिम रक्त समूह ओ से 152 गुना ज्यादा , O ग्रुप वालों में संभावना कम 

BHU शोध: दुनियाभर के वैज्ञानिक वायरस की प्रकृति, इसके ट्रांसमिशन आदि को समझने के लिए व्यापक शोध कर रहे हैं। उन्होंने बीमारी की गंभीरता और रक्त समूहों में एक महत्वपूर्ण संबंध पाया। बीएचयू समेत देशभर के 30 संस्थानों के 87 वैज्ञानिकों ने पूर्वांचल के विभिन्न जिलों के 509 लोगों पर शोध कियाl बीएचयू प्रोफेसर के नेतृत्व में एक शोध में बेहद चौंकाने वाला परिणाम सामने आया है।  शोध में पाया कि AB ब्लड ग्रुप वालों के कोरोना संक्रमित होने का खतरा अधिक है। वहीं, ओ ब्लड ग्रुप वालों में संक्रमण की संभावना सबसे कम थी। यह शोध विज्ञान की पत्रिका ट्रांसफ्यूजन एंड अफ्रेसिस साइंस में प्रकाशित भी हुई है।

प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे ने बताया कि ज्यादातर देशों में कोरोना ने लोगों को अलग अलग अनुपात में संक्रमित किया। विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों के बीच मृत्यु अनुपात में महत्वपूर्ण भिन्नताएं बताती हैं कि कोरोना के खिलाफ मानव संवेदनशीलता काफी भिन्न होती है। शोध करने वालों की टीम में शामिल प्रज्जवल प्रताप सिंह ने बताया कि ए, बी और ओ ब्लड ग्रुप हमारे 9वें क्रोमोसोम के एबीओ जीन द्वारा संचलित किया जाता है।

शोध में पता चला कि यह जीन प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कोरोना की संवेदनशीलता को नियंत्रित करता है। इसके पहले भी शोध में गंगा के मैदानी इलाकों में रहने वाले ओ ब्लड ग्रुप वाले व्यक्तियों को हेलिकोबैक्टर पाइलोरी और हैजा के संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील पाया गया था।

खास बात यह है कि शोध में बिना लक्षण वाले लोगों पर अध्ययन किया गया। टीम ने स्ट्रीट वेंडर्स के रक्त समूहों के साथ ही उनके शरीर में कोरोना से लड़ने के लिए एंटीबॉडी का भी अध्ययन किया। पता चला कि पूर्वांचल में ब्लड ग्रुप बी 35 प्रतिशत और ओ 28 प्रतिशत सर्वाधिक लोगों में पाया जाता है, लेकिन जब कोविड को हराने वाले लोगों के रक्त समूहों का अध्ययन किया गया तो 36 प्रतिशत लोग एबी समूह के और 11 प्रतिशत O ब्लड ग्रुप के पाए गए।

इसके अलावा AB के लोगों में कोई अंतर नहीं मिला। टीम ने यह भी दिखाया की रक्त समूह AB के लोगों को कोविड का जोखिम रक्त समूह O से 152 गुना ज्यादा है। प्रोफेसर चौबे ने बताया कि यह शोध बिना लक्षण वाले कोविड मरीजों पर किया गया है। ये भी दिखाता है कि भले ही रक्त समूह AB में संक्रमण का सबसे अधिक जोखिम है, लेकिन इसमें गंभीरता का जोखिम अत्यंत कम है।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

Uncategorized

उत्तर प्रदेश पुलिस का सिपाही मिशन शक्ति जैसे अभियान को दिखा रहा ठेंगा!दो बीवियों के बीच फसा उत्तर प्रदेश पुलिस का सिपाही,एक बीवी घर तो दूसरी को ले तैनाती क्षेत्र में रह रहा था! घर वालों को पता चलने पर दूसरी को छोड़ा तो दूसरी बीवी ने किया मुकदमा!उत्तर प्रदेश में कानून का रखवाला ही कानून की धज्जियां उड़ा रहा,शादीशुदा होने के बावजूद कई सालों से दूसरी महिला को पत्नी बनाकर साथ में रह रहा था! बताते चलें कि देवरिया जिले का सिपाही ना०पु०062620433 रवि प्रताप जो पहले से शादीशुदा था महाराजगंज में तैनाती के दौरान महाराजगंज की एक महिला को भी अपनी पत्नी बनाकर साथ में रखा हुआ था! कई सालों तक साथ में रहने के बाद जब घर वालों को पता चला तो वह दूसरी बीवी को छोड़कर भागने के फिराक में लग गया! लेकिन दूसरी बीवी उसे भागता देख जिले के ही पुलिस अधीक्षक के पास शिकायत लेकर पहुंची और सिपाही रवि प्रताप के खिलाफ 376,और 493/506, समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है! अब सवाल यह उठ रहा है कि ऐसी धाराओं में मुकदमा दर्ज होने के बाद भी सिपाही रवि प्रताप निश्चिंत होकर अपनी ड्यूटी गोंडा जिले के जीआरपी में कर रहा है और कानून के बीच के बीच फसाकर दूसरी बीवी को प्रताड़ित कर रहा है!आपको बताते चलें कि महाराजगंज जिले में यह मामला काफी चर्चा में रहा है लेकिन विभागीय होने के नाते पुलिस विभाग के द्वारा भी आज तक ना तो सिपाही रवि प्रताप को गिरफ्तार किया गया ना ही उसकी दूसरी पत्नी के लिए न्याय संगत कोई कदम उठाया गया! कागजी कार्यवाही में कोटा पूर्ति करके सिर्फ महिला को थाने कचहरी और कोर्ट तक भगाया गया अब प्रश्न यह उठता है कि जब एक व्यक्ति कई सालों तक उक्त महिला के साथ रह रहा था तो ऐसे में उस महिला के ऊपर पड़ने वाले खर्च का भार कौन उठाएगा और किस के भरोशे न्याय के नियत दर-दर भटकेगी! बात करने पर सिपाही रवि प्रताप की दूसरी पत्नी ने बताया कि सिपाही रवि प्रताप के रिश्तेदारों के द्वारा उसे जान से मारने की धमकी भी मिल रही है और तरह-तरह के कूट रचित योजनाओं सेवा किसी भी तरीके से मामले को सुलह के रास्ते पर ले जाना चाहता है! उक्त प्रकरण में जो कि मामला गिरफ्तारी का है कि बावजूद कानून व्यवस्था को ही इस्तेमाल कर उक्त सिपाही इस मामले से निकल अपनी रोटी सेक दूसरी महिला के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहा है! जहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मिशन शक्ति अभियान के तहत महिलाओं की सुरक्षा और उनके जीवन को मजबूत रखने के लिए तरह-तरह के कानून बना रहे हैं वहीं ऐसे भ्रष्ट और अयाश कानून के रखवाले सारे कानून को तोड़ सरकार की मंशा पर पानी फिरने का काम कर रहे हैं!(साक्ष्य मौजूद)

To Top