पंडित बिरजू महाराज: कथक सम्राट पंडित बिरजू महाराज की अस्थि कलश को शुक्रवार की देर रात परिजन लेकर बनारस पहुंचे। अस्थि कलश यात्रा शनिवार को गंगा में प्रवाहित की जाएंगी। बिरजू महाराज का अस्थि कलश कबीरचौरा में दर्शन के लिए रखा जाएगा। इसके बाद सिगरा के कस्तूरबा नगर कॉलोनी स्थित नटराज संगीत अकादमी के परिसर में उनके चाहने वाले उनको अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित कर सकेंगे।
पद्मविभूषण पं. बिरजू महाराज की शिष्या डॉ. संगीता सिन्हा ने बताया कि देर रात अस्थि कलश बनारस पहुंच गया है। सुबह कबीरचौरा में दर्शन के बाद घंटे भर तक अस्थिकलश संगीत अकादमी के परिसर में रहेगा। इसके बाद यहीं से अस्थि कलश की यात्रा अस्सी घाट के लिए निकलेगी। इसके पहले अस्सी घाट पर अस्थि कलश का वैदिक रीति से पूजन किया जाएगा।
उनकी अस्थियां अस्सी घाट पर बीच गंगा में प्रवाहित की जाएंगी। पं. बिरजू महाराज के बड़े पुत्र पं. जयकिशन महाराज और उनकी शिष्या साश्वती सेन परिवार के अन्य सदस्यों के साथ दिल्ली से लखनऊ के लिए बृहस्पतिवार की शाम सड़क मार्ग से रवाना हुए थे। लखनऊ में पैतृक आवास पर दिन भर चाहने वालों ने अस्थि कलश के दर्शन किए। इसके बाद परिजन बनारस रवाना हुए।
डॉ. सिन्हा ने कहा कि 2019 के जनवरी माह में पंडित बिरजू महाराज अंतिम बार बनारस आए थे। नटराज संगीत अकादमी की कार्यशाला एवं कथक महोत्सव में शिरकत करने आए थे।