मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 14 मई को कहा था कि उनकी सरकार महामारी के दौरान अनाथ हुए बच्चों की शिक्षा और पालन-पोषण का खर्च वहन करेगी। दिल्ली सरकार का महिला एवं बाल विकास विभाग उन बच्चों की पहचान करने के लिए एक सर्वेक्षण करेगा जो कोरोना वायरस महामारी के दौरान अनाथ हो गए हैं।अधिकारियों को जिला कल्याण समितियों और जिला बाल संरक्षण इकाइयों की मदद से 20 जुलाई तक सर्वेक्षण करने के लिए कहा गया है।
विभाग ने कहा कि सर्वेक्षण के लिए 20 अधिकारी नियुक्त किए है जो शहर में अलग-अलग बाल देखभाल गृहों, संस्थानों और जिला कार्यालयों में सर्वेक्षण करेंगे। दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (डीसीपीसीआर) द्वारा किए एक सर्वेक्षण के अनुसार, पिछले साल मार्च में महामारी शुरू होने के बाद से शहर में 2,000 से अधिक बच्चों ने कोरोना वायरस के कारण अपने माता-पिता में से किसी एक या दोनों को खो दिया जबकि उनमें से 67 ने अपने माता और पिता दोनों को खो दिया।
तथा 651 बच्चों ने अपनी मां को खो दिया और 1,311 बच्चों ने अपने पिता को खो दिया। डीसीपीसीआर ने कहा था कि इन बच्चों की जानकारियां महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ साझा की गयी है।