किसान आंदोलन: देश में फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी समेत विभिन्न मांगों को लेकर किसान आंदोलनरत हैं। इस बीच चंडीगढ़ में किसान नेताओं और तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी के मुद्दे पर हुई चौथे दौर की बैठक हूई। इस बैठक में केंद्र सरकार चार और फसलों पर एमएसपी देने को तैयार हो गई। केंद्र सरकार की ओर से धान और गेहूं के अलावा मसूर, उड़द, मक्की और कपास की फसल पर भी एमएसपी देने का प्रस्ताव पेश किया गया, लेकिन इसके लिए किसानों को भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नैफेड) और भारतीय कपास निगम (सीसीआई) से पांच साल का करार करना होगा।
केंद्र के इस प्रस्ताव पर बैठक में मौजूद किसान नेताओं ने कहा कि वह सभी संगठनों से बात कर सोमवार को इस पर अंतिम फैसला बताएंगे। करीब पांच घंटे चली बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि चौथे दौर की बातचीत बेहद सकारात्मक रही है। करीब दो घंटे देरी से शुरू हुई बैठक में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल और नित्यानंद राय के साथ पंजाब के सीएम भगवंत मान और कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां भी शामिल हुए। बैठक से पहले भी किसान नेता सरवण पंधेर और जगजीत डल्लेवाल ने कहा कि एमएसपी की गारंटी पर अध्यादेश से कम उन्हें कुछ भी मंजूर नहीं है।
बैठक खत्म होने के बाद किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि हम अपने मंचों और विशेषज्ञों के साथ सरकार के प्रस्ताव (एमएसपी पर) पर चर्चा करेंगे और फिर एक निष्कर्ष पर पहुंचेंगे। हमारा मार्च तब तक जारी रहेगा जब तक मांगें पूरी नहीं होती। कई अन्य मांगों पर बातचीत की जरूरत है। पंजाब किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि हम अगले दो दिनों में सरकार के प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे। सरकार अन्य मांगों पर भी विचार करेगी। अगर कोई नतीजा नहीं निकला तो 21 फरवरी को ‘दिल्ली चलो’ मार्च जारी रखेंगे।
इसी बीच, केंद्र सरकार ने हरियाणा से सटे पंजाब के सात जिलों पटियाला, एसएएस नगर, बठिंडा, मुक्तसर साहिब, मानसा, संगरूर और फतेहगढ़ साहिब में इंटरनेट पर पाबंदी 24 फरवरी तक बढ़ा दी है।
बता दें कि इससे पहले भी किसान संगठनों और केंद्रीय मंत्रियों की तीन दौर की बैठक हो चुकी है, जिसमें कुछ मांगें मानी गई थीं लेकिन एमएसपी को कानून बनाने समेत कुछ मांगों पर सहमति नहीं बन पाई थी।
