Uttar Pradesh

ज्ञानवापी मस्जिद केस: पांच महिलाओं की ओर से दायर श्रृंगार गौरी ज्ञानवापी मुकदमा सुनने योग्य है या नहीं, जिला अदालत में आज होगी सुनवाई

ज्ञानवापी मस्जिद केस: आज पांच महिलाओं की ओर से ज्ञानवापी परिसर स्थित माता श्रृंगार गौरी के मंदिर में पूजा के अधिकार को लेकर दायर मुकदमे की स्थिति पर भी कोर्ट बड़ा फैसला दे सकती है। शृंगार गौरी के नियमित पूजा-अर्चना और अन्य विग्रहों को संरक्षित करने के लिए दायर वाद सुनने योग्य है या नहीं, इस पर बृहस्पतिवार को जिला जज डॉ. अजय कुमार विश्वेश की अदालत में आज सुनवाई होगी।

न्यायालय में सबसे पहले मुस्लिम पक्ष के प्रार्थना पत्र पर ही सुनवाई होगी और इसके बाद आगे की कार्यवाही तय की जाएगी। सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत से जिला जज के न्यायालय में यह मामला स्थानांतरित होने के बाद बृहस्पतिवार को मुस्लिम पक्ष के रूल 7 आर्डर 11 के तहत दिए गए प्रार्थना पत्र पर सुनवाई में न्यायालय यह आदेश देगा कि शृंगार गौरी ज्ञानवापी का मुकदमा सुनने योग्य है या नहीं। इसमें मुस्लिम पक्ष की ओर से कई महीने पहले ही इस वाद को खारिज करने का आवेदन दिया गया था।

इसमें दी प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 का हवाला देते हुए अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने रूल 7 आर्डर 11 के तहत आवेदन दिया था। इस आवेदन पर सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में सुनवाई नहीं हो पाई थी। जिला जज की अदालत में बृहस्पतिवार को मुस्लिम पक्ष की ओर से आठ बिंदुओं के जरिए वाद खारिज करने की मांग पर सुनवाई होगी।

जिला जज की अदालत में तीन और आवेदनों पर भी निर्णय किया जाना है। इसमें वादी पक्ष की ओर से वजूखाने में मिले शिवलिंग के नीचे की जगह को तोड़कर कमीशन की कार्यवाही, जिला शासकीय अधिवक्ता के वजूखाने के तालाब में मछलियों को संरक्षित किए जाने की मांग और काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत कुलपति तिवारी के भोग, राग, शृंगार और पूजा पाठ के अधिकार के लिए पक्षकार बनने के आवेदन पर निर्णय होगा।

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