शाही ईदगाह मस्जिद: काफी समय से श्री कृष्ण जन्मस्थान और शाही ईदगाह की विवादित जमीन को लेकर विवाद चल रहा है। मथुरा शाही ईदगाह और कृष्ण जन्मभूमि का ये विवाद कुल 13.37 एकड़ जमीन पर मालिकाना हक से जुड़ा हुआ है।श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर शाही ईदगाह के अवैध कब्जे के मामले में आज मथुरा हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है।
श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह प्रकरण से संबंधित वादों की सुनवाई के लिए कोर्ट तय करने संबंधी एसएलपी और एडवोकेट कमीशन के स्टे आदेश पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष एवं अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि इस प्रकरण में इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा एडवोकेट कमीशन नियुक्त करने संबंधी आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने पिछली तिथि पर स्टे लगा दिया था।
हिंदू पक्ष से जवाब दाखिल करने को कहा था। आज हिंदू पक्ष द्वारा सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के समय जवाब दाखिल किया जाएगा। इसके अलावा ईदगाह पक्ष की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पूर्व में दाखिल विशेष याचिका में मांग है कि जन्मभूमि से जुड़े सभी केसों की सुनवाई जिला न्यायालय में हो, जबकि हाईकोर्ट ने इन सभी प्रकरणों को खुद ही सुनने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट के इसी आदेश के खिलाफ ईदगाह पक्ष सुप्रीम कोर्ट गया है।
12 अक्टूबर 1968 को श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान ने शाही मस्जिद ईदगाह ट्रस्ट के साथ समझौता किया था। इस समझौते में 13.7 एकड़ जमीन पर मंदिर और मस्जिद दोनों बनने की बात हुई थी। बता दें कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान के पास 10.9 एकड़ जमीन का मालिकाना हक है और 2.5 एकड़ जमीन का मालिकाना हक शाही ईदगाह मस्जिद के पास है। हिंदू पक्ष का कहना है कि शाही ईदगाह मस्जिद को अवैध तरीके से कब्जा करके बनाया गया है। इस जमीन उनका दावा है। हिंदू पक्ष की ओर से ही शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने और इस जमीन को भी श्रीकृष्ण जन्मस्थान को देने की मांग की गई है।