ज्ञानवापी प्रकरण: वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद का एएसआई सर्वे पूरा हो चुका है। इस सर्वे की रिपोर्ट जिला अदालत में जमा की जा चुकी है। लेकिन अब इसी सार्वजनिक नहीं करने की मांग मुस्लिम पक्ष के द्वारा की गई है। जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत बुधवार को ज्ञानवापी परिसर की सीलबंद सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक होगी या नहीं, इस मसले पर फैसला कर सकती है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने पहले ही रिपोर्ट अदालत में दाखिल की है।
मां शृंगार गौरी केस की वादिनी सीता साहू, रेखा पाठक, मंजू व्यास और लक्ष्मी देवी की तरफ से सर्वे रिपोर्ट की प्रति दिए जाने का अनुरोध अदालत से किया गया है। वादिनी महिलाओं का कहना है कि यह जनहित का मुद्दा है। इसे गोपनीय बनाकर हौव्वा बनाया जा रहा है। वहीं, अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी का कहना है कि यदि सर्वे रिपोर्ट वादिनी महिलाओं को दी जाती है तो उन्हें भी उपलब्ध कराई जाए।
उधर, एएसआई का कहना है कि जब तक प्राचीन मूर्ति स्वयंभू ज्योतिर्लिंग लॉर्ड विश्वेश्वरनाथ के मुकदमे में ज्ञानवापी सर्वे की रिपोर्ट की प्रति वह दाखिल न कर दे, तब तक उसे सार्वजनिक न किया जाए। वर्ष 1991 के प्राचीन मूर्ति स्वयंभू ज्योतिर्लिंग लॉर्ड विश्वेश्वरनाथ के मुकदमे में एएसआई को ज्ञानवापी सर्वे के रिपोर्ट की प्रति दाखिल करने के लिए 25 जनवरी तक का समय मिला है। इस मुकदमे की सुनवाई सिविल जज सीनियर डिवीजन / फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रशांत सिंह की अदालत में चल रही है। 25 जनवरी को ही इस प्रकरण की सुनवाई होनी है। आपको बता दें कि इससे पहले मस्जिद के ASI सर्वे की रिपोर्ट सील बंद लिफाफे में 18 दिसंबर को कोर्ट में सौंप दी गई थी।
