अनोखा रामभक्त : देश में लाखों राम भक्त अपने अपने तरीके से प्रभु की उपासना करते हैं। राम नाम स्मरण व राम नाम पुस्तिका के जरिए कई लोग नित्यप्रति ईश्वर का ध्यान करते हैं। भगवान राम की भक्ति में सबसे पहला नाम हनुमान जी का आता है। पर आंध्र प्रदेश के धर्मावरम के एक बुनकर ने अनूठी राम भक्ति प्रदर्शित की है। बुनकर जुजारू नागराजू ने 60 मीटर लंबी और 44 इंच चौड़ी सिल्क की साड़ी तैयार की है। इस पर उसने 13 भाषाओं ने ‘जय श्रीराम’ लिखा है। 13 भाषाओं में राम नाम लिखकर उन्हें देश की विविधता में एकता का भी संदेश दिया है।
नागराजू ने रेशम की इस साड़ी को तैयार करने के साथ उस पर 32,200 बार जय श्रीराम लिखा है। नागराजू ने हाथों से यह साड़ी बुनकर राम भक्ति का एक और बिरला उदाहरण पेश किया है। श्री सत्य सांई जिले के धर्मावरम के रहने वाले हथकरघा बुनकर नागराजू ने इस साड़ी के जरिए अपनी अनूठी रामभक्ति का प्रदर्शन किया है। इस साड़ी को नागराजू ने ‘राम कोटि वस्त्रम’ नाम दिया है।
यह साड़ी पांच 196 फीट लंबी और 3.66 फीट चौड़ी है। नागराजू ने अपने हाथों के कौशल से 13 भाषाओं में इस पर हजारों बार ‘जय श्रीराम’ लिखा है। साड़ी पर रामायण के सुंदरकांड से संबंधित भगवान राम के 168 अलग-अलग चित्र भी बनाए गए हैं। इस दुर्लभ साड़ी को बनाने में नागराजू को चार माह का वक्त लगा और इसमें 16 किलो रेशम का इस्तेमाल हुआ। इसे बनाने में रोज तीन लोगों ने हाथ बंटाया। ‘राम से बड़ा राम का नाम’ की भक्ति को चरितार्थ करते हुए 40 साल के नागराजू ने अपनी निजी बचत के डेढ़ लाख रुपये खर्च किए हैं। वह साड़ी को अयोध्या के राम मंदिर, जिसे वह रामालय कहते हैं, को भेंट करेंगे।
