Politics

यूपी चुनाव 2022: नामांकन पत्रों की जांच मे आगरा में 19 पर्चे हुए निरस्त, जाने किन उम्मीदवारों का टूटा ‘सपना’…

नामांकन पत्रों की जांच: उत्तर प्रदेश के आगरा जिले की नौ सीटों के लिए 14 से 21 जनवरी तक 133 प्रत्याशियों ने पर्चे भरे थे। जिनमें से 19 प्रत्याशियों के नामांकन सोमवार को निरस्त हो गए। किसी प्रत्याशी ने कॉलम अधूरे छोड़ दिए तो किसी ने फॉर्म ही गलत भर दिया। सोमवार को नामांकन पत्रों की जांच के बाद पीस पार्टी, आदर्श समाज पार्टी, आजाद समाज पार्टी, सबका दल युनाइटेड, बहुजन मुक्ति पार्टी व आठ निर्दलियों समेत 19 पर्चे निरस्त हुए हैं। सबसे ज्यादा पांच नामांकन फतेहाबाद के निरस्त हुए हैं।

छावनी से कांग्रेस और फतेहाबाद से आम आदमी पार्टी के दो-दो प्रत्याशियों के नामांकन किए गए थे। जिनमें एक-एक प्रत्याशी का नामांकन खारिज हुआ है। अब नौ सीटों पर 114 प्रत्याशी बचे हैं। 27 जनवरी को प्रत्याशियों के पास नाम वापसी का मौका होगा। अगर किसी ने नाम वापस नहीं लिया तो 10 फरवरी को नौ सीटों पर 114 प्रत्याशियों के बीच मुकाबला होगा।

जिला निर्वाचन अधिकारी एवं डीएम प्रभु एन सिंह ने बताया कि पूर्वाह्न 11 बजे से अपराह्न तीन बजे तक नामांकनपत्रों की जांच की गई। जिनमें अपूर्ण व त्रुटिपूर्ण नामांकन खारिज हुए हैं। फतेहाबाद सीट के पांच, फतेहपुर सीकरी के तीन, एत्मादपुर के दो, बाह के एक, खेरागढ़ के दो, दक्षिण के एक, उत्तर के दो, ग्रामीण के दो व छावनी के एक उम्मीदवार का नामांकन निरस्त हुआ है।

इनके पर्चे हुए निरस्त
– एत्मादपुर : नीरज कुमार (आदर्श समाज पार्टी) और, सर्वेश कुमार (आजाद समाज पार्टी)
– छावनी : लक्ष्मी नारायण
– दक्षिण : प्रेम सिंह (बहुजन मुक्ति पार्टी)
– उत्तर : विवेक कुमार जैन (भारतीय शक्ति चेतना पार्टी), नसीम (निर्दलीय)
– ग्रामीण : हसनूराम अंबेडकरी (निर्दलीय), नरेंद्र स्वतंत्र (जनता राज पार्टी)
– फतेहपुरसीकरी : नारायन सिंह (पीस पार्टी), शेखर कुमार (इंडियन विकास पार्टी), ऊदल सिंह (निर्दलीय)
– खेरागढ़ : सुमन देवी (निर्दलीय), शंकर (निर्दलीय)
– फतेहाबाद : चंद्रपाल सिंह (आप), राधेश्याम कुशवाह (संयुक्त समाजवादी दल), अचल सिंह (निर्दलीय), देवकी नंदन (निर्दलीय) व पंकज (निर्दलीय)
– बाह : अतर सिंह नरवारिया (सबका दल युनाइटेड)

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

Uncategorized

उत्तर प्रदेश पुलिस का सिपाही मिशन शक्ति जैसे अभियान को दिखा रहा ठेंगा!दो बीवियों के बीच फसा उत्तर प्रदेश पुलिस का सिपाही,एक बीवी घर तो दूसरी को ले तैनाती क्षेत्र में रह रहा था! घर वालों को पता चलने पर दूसरी को छोड़ा तो दूसरी बीवी ने किया मुकदमा!उत्तर प्रदेश में कानून का रखवाला ही कानून की धज्जियां उड़ा रहा,शादीशुदा होने के बावजूद कई सालों से दूसरी महिला को पत्नी बनाकर साथ में रह रहा था! बताते चलें कि देवरिया जिले का सिपाही ना०पु०062620433 रवि प्रताप जो पहले से शादीशुदा था महाराजगंज में तैनाती के दौरान महाराजगंज की एक महिला को भी अपनी पत्नी बनाकर साथ में रखा हुआ था! कई सालों तक साथ में रहने के बाद जब घर वालों को पता चला तो वह दूसरी बीवी को छोड़कर भागने के फिराक में लग गया! लेकिन दूसरी बीवी उसे भागता देख जिले के ही पुलिस अधीक्षक के पास शिकायत लेकर पहुंची और सिपाही रवि प्रताप के खिलाफ 376,और 493/506, समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है! अब सवाल यह उठ रहा है कि ऐसी धाराओं में मुकदमा दर्ज होने के बाद भी सिपाही रवि प्रताप निश्चिंत होकर अपनी ड्यूटी गोंडा जिले के जीआरपी में कर रहा है और कानून के बीच के बीच फसाकर दूसरी बीवी को प्रताड़ित कर रहा है!आपको बताते चलें कि महाराजगंज जिले में यह मामला काफी चर्चा में रहा है लेकिन विभागीय होने के नाते पुलिस विभाग के द्वारा भी आज तक ना तो सिपाही रवि प्रताप को गिरफ्तार किया गया ना ही उसकी दूसरी पत्नी के लिए न्याय संगत कोई कदम उठाया गया! कागजी कार्यवाही में कोटा पूर्ति करके सिर्फ महिला को थाने कचहरी और कोर्ट तक भगाया गया अब प्रश्न यह उठता है कि जब एक व्यक्ति कई सालों तक उक्त महिला के साथ रह रहा था तो ऐसे में उस महिला के ऊपर पड़ने वाले खर्च का भार कौन उठाएगा और किस के भरोशे न्याय के नियत दर-दर भटकेगी! बात करने पर सिपाही रवि प्रताप की दूसरी पत्नी ने बताया कि सिपाही रवि प्रताप के रिश्तेदारों के द्वारा उसे जान से मारने की धमकी भी मिल रही है और तरह-तरह के कूट रचित योजनाओं सेवा किसी भी तरीके से मामले को सुलह के रास्ते पर ले जाना चाहता है! उक्त प्रकरण में जो कि मामला गिरफ्तारी का है कि बावजूद कानून व्यवस्था को ही इस्तेमाल कर उक्त सिपाही इस मामले से निकल अपनी रोटी सेक दूसरी महिला के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहा है! जहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मिशन शक्ति अभियान के तहत महिलाओं की सुरक्षा और उनके जीवन को मजबूत रखने के लिए तरह-तरह के कानून बना रहे हैं वहीं ऐसे भ्रष्ट और अयाश कानून के रखवाले सारे कानून को तोड़ सरकार की मंशा पर पानी फिरने का काम कर रहे हैं!(साक्ष्य मौजूद)

To Top