किसान आंदोलन: देश में फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी व कर्जमाफी समेत 12 मांगों को लेकर किसान आंदोलनरत हैं। दिल्ली कूच पर अड़े पंजाब के किसान संगठन पांचवें दिन भी शंभू और दातासिंह वाला सीमा पर डटे रहे। इस बीच मुजफ्फरनगर के सिसौली में हुई भाकियू की पंचायत में बड़ा निर्णय हुआ है। भाकियू की पंचायत में 21 फरवरी को दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन का एलान किया गया है। भाकियू प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि हरियाणा और पंजाब में गलत हुआ। हम सब किसान एक हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा को प्रस्ताव भेजा जाएगा कि 26 और 27 फरवरी को हरिद्वार से गाजीपुर तक किसान अपने-अपने गांव के बाहर हाईवे पर ट्रैक्टरों के मुंह दिल्ली की ओर खड़े करके विरोध करेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा ने 14 मार्च को दिल्ली में धरने का एलान पहले ही कर रखा था। अब किसान कभी भी कूच कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि आंदेालन में टिकैत परिवार के एक सदस्य को गोली खानी होगी। कहा कि हम पीछे नहीं हटेंगे। टिकैत परिवार एक कुर्बानी देने के लिए तैयार हैं।
पंचायत में किसानों को संबोधित करते हुए भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने 21 फरवरी को जिला मुख्यालय पर ट्रैक्टर मार्च का भी एलान किया। पंचायत में तय हुआ कि 26 और 27 फरवरी को हरिद्वार से लेकर दिल्ली तक किसान अपने-अपने गांव के बाहर हाईवे पर ट्रैक्टर दिल्ली की तरफ मुंह कर खड़े करेंगे। इस दौरान हाइवे वन वे किया जाएगा। यह प्रस्ताव संयुक्त किसान मोर्चा को भेजा जा रहा है। उन्होंने मच से कहा कि देश में रोटी पर कब्जे की तैयारी है। देश में भूख के आधार पर रोटी की कीमत तय होगी।
केंद्र सरकार और किसान नेताओं के बीच चौथे दौर की वार्ता पर सबकी नजर है। सरकार की तरफ से वार्ता में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल और नित्यानंद राय शामिल होंगे। किसानों की तरफ से उनके संगठन के नेता शामिल होंगे।
इससे पहले पंजाब में किसानों और सरकार के बीच तीन दौर की बातचीत हो चुकी है।
