उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के निधन का सबसे ज्यादा असर अयोध्या में देखा जा रहा है। उल्लेखनीय है कि अयोध्या मंदिर बनने के पीछे सबसे बड़ा हाथ कल्याण सिंह का माना जाता है। उनके निधन के बाद से साधु-संत हों, राम मंदिर ट्रस्ट से जुड़े लोग और उनको जानने वाले आम इंसान सभी में शोक की लहर है।
इन सबके बीच राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव ने अपने संदेश में कल्याण सिंह की मौत को भारतीय समाज के लिए अपूरणीय क्षति बताया है। 6 दिसंबर को उन्होंने अधिकारियों से साफ कहा था कि निहत्थे रामभक्तों पर गोली न चलाई जाए। उन्होंने इसकी खुद जिम्मेदारी भी ली थी। ऐसी घोषणा करने वाले और आत्मिक साहस रखने वाले बाबू कल्याण सिंह को ईश्वर अपने चरणों मे स्थान दें, यही कामना है।
जिसके बाद तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास ने कहा कि ऐसा कोई रामभक्त नहीं पैदा हुआ, जिसने मुख्यमंत्री की कुर्सी को छोड़ दिया हो। जगद्गुरु परमहंस दास ने कहा कि हमने कई अनुष्ठान कराया, 4 दिन पहले कल्याण सिंह से मिलने गए थे। परमहंस आचार्य ने कहा कि अगर आज राम मंदिर का निर्माण हो रहा है तो यह कल्याण सिंह की देन है।
