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जानें मायावती का एक टीचर से पालिटीशियन तक का सफर

बहुजन समाजवादी पार्टी की स्थापना काशीराम द्वारा 2001 में की गई थी और काशीराम द्वारा ही मायावती को उनकी पार्टी का उत्तराधिकारी भी घोषित किया गया जिसके बाद मायावती 2003 में सबसे पहले बसपा की अध्यक्ष बनीं और आज तक अध्यक्ष के रूप में कार्य कर रही हैं। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि मायावती ने अपनी शुरुआत एक टीचर के रूप में की थी और उनका सपना आईएएस अधिकारी बनने का था। पर जब उनकी मुलाकात काशीराम से हुई तो उनकी किस्मत राजनीति की सियासत में बेशुमार चर्चित हो गई।

बता दें कि 1989 में मायावती पहली बार सांसद चुनी गई थी जिसके बाद 1995 में उन्होंने उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली और यही वह समय था जब राजनीति में देश की सबसे पहली युवा महिला मुख्यमंत्री मायावती बनीं थी। 1995 में जब बसपा ने अपना समर्थन वापस लिया तो मुलायम सिंह यादव ने मीराबाई गेस्ट हाउस में ठहरी मायावती पर आत्मघाती हमला करवाया। कई बार तो स्वयं मायावती ने ही इसका जिम्मेदार समाजवादी को ठहराया, जिसके बाद 2002 में वह फिर मुख्यमंत्री बने लेकिन एक ही साल में भाजपा ने उनसे अपना समर्थन वापस ले लिया और फिर उनकी कुर्सी चली गई।

राजनीति की इस फेरबदल के बाद भी मायावती का जज्बा देखने लायक था। 2007 के विधानसभा चुनाव में मायावती फिर से उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बन कर सामने आई और 2012 तक उन्होंने मुख्यमंत्री पद को संभाला। अगर आंकड़ों की बात करें तो मायावती ने इस सिर्फ स्मारकों के लिए करोड़ तक का खर्चा किया है। और पुरानी स्मारकों को तोड़कर फिर से बनाने में तकरीबन दो करोड़ का खर्चा सामने आया।

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उत्तर प्रदेश पुलिस का सिपाही मिशन शक्ति जैसे अभियान को दिखा रहा ठेंगा!दो बीवियों के बीच फसा उत्तर प्रदेश पुलिस का सिपाही,एक बीवी घर तो दूसरी को ले तैनाती क्षेत्र में रह रहा था! घर वालों को पता चलने पर दूसरी को छोड़ा तो दूसरी बीवी ने किया मुकदमा!उत्तर प्रदेश में कानून का रखवाला ही कानून की धज्जियां उड़ा रहा,शादीशुदा होने के बावजूद कई सालों से दूसरी महिला को पत्नी बनाकर साथ में रह रहा था! बताते चलें कि देवरिया जिले का सिपाही ना०पु०062620433 रवि प्रताप जो पहले से शादीशुदा था महाराजगंज में तैनाती के दौरान महाराजगंज की एक महिला को भी अपनी पत्नी बनाकर साथ में रखा हुआ था! कई सालों तक साथ में रहने के बाद जब घर वालों को पता चला तो वह दूसरी बीवी को छोड़कर भागने के फिराक में लग गया! लेकिन दूसरी बीवी उसे भागता देख जिले के ही पुलिस अधीक्षक के पास शिकायत लेकर पहुंची और सिपाही रवि प्रताप के खिलाफ 376,और 493/506, समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है! अब सवाल यह उठ रहा है कि ऐसी धाराओं में मुकदमा दर्ज होने के बाद भी सिपाही रवि प्रताप निश्चिंत होकर अपनी ड्यूटी गोंडा जिले के जीआरपी में कर रहा है और कानून के बीच के बीच फसाकर दूसरी बीवी को प्रताड़ित कर रहा है!आपको बताते चलें कि महाराजगंज जिले में यह मामला काफी चर्चा में रहा है लेकिन विभागीय होने के नाते पुलिस विभाग के द्वारा भी आज तक ना तो सिपाही रवि प्रताप को गिरफ्तार किया गया ना ही उसकी दूसरी पत्नी के लिए न्याय संगत कोई कदम उठाया गया! कागजी कार्यवाही में कोटा पूर्ति करके सिर्फ महिला को थाने कचहरी और कोर्ट तक भगाया गया अब प्रश्न यह उठता है कि जब एक व्यक्ति कई सालों तक उक्त महिला के साथ रह रहा था तो ऐसे में उस महिला के ऊपर पड़ने वाले खर्च का भार कौन उठाएगा और किस के भरोशे न्याय के नियत दर-दर भटकेगी! बात करने पर सिपाही रवि प्रताप की दूसरी पत्नी ने बताया कि सिपाही रवि प्रताप के रिश्तेदारों के द्वारा उसे जान से मारने की धमकी भी मिल रही है और तरह-तरह के कूट रचित योजनाओं सेवा किसी भी तरीके से मामले को सुलह के रास्ते पर ले जाना चाहता है! उक्त प्रकरण में जो कि मामला गिरफ्तारी का है कि बावजूद कानून व्यवस्था को ही इस्तेमाल कर उक्त सिपाही इस मामले से निकल अपनी रोटी सेक दूसरी महिला के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहा है! जहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मिशन शक्ति अभियान के तहत महिलाओं की सुरक्षा और उनके जीवन को मजबूत रखने के लिए तरह-तरह के कानून बना रहे हैं वहीं ऐसे भ्रष्ट और अयाश कानून के रखवाले सारे कानून को तोड़ सरकार की मंशा पर पानी फिरने का काम कर रहे हैं!(साक्ष्य मौजूद)

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