आजमगढ़ लोकसभा: सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के इस्तीफे के बाद खाली हुई आजमगढ़ लोकसभा सीट पर हुई उपचुनाव मे भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की है। भाजपा प्रत्याशी दिनेश लाल यादव निरहुआ ने सपा प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव को 8679 वोटों से हराया है। सपा के गढ़ कहे जाने वाले आजमगढ़ में मिली हार से धर्मेंद्र यादव हैरान हैं। उन्होंने अपनी हार के बाद भाजपा, प्रशासन और बसपा के आपसी गठजोड़ का आरोप लगाया।
सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के इस्तीफे के बाद खाली हुई आजमगढ़ लोकसभा सीट पर उपचुनाव हुआ। अखिलेश ने अपने चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव को ही इस सीट पर उतारा। उपचुनाव में भाजपा के दिनेश लाल यादव ने सपा के गढ़ में ही मुलायम परिवार के धर्मेंद्र यादव को हराकर जीत हासिल की है।
उपुचनाव की मतगणना शुरू होने के बाद मतगणना स्थल से बाहर निकले धर्मेंद्र यादव ने कहा था कि हम जश्न मनाकर जाएंगे। हमें पूरा भरोसा है कि जीत हासिल होगी। लेकिन मतगणना समाप्त होने के बाद उनके सुर बदल गए। उपचुनाव में हार मिलने के बाद धर्मेंद्र यादव इसका ठीकरा भाजपा, प्रशासन और बसपा के आपसी गठजोड़ पर फोड़ा।
उन्होंने कहा कि समाजवादियों का गढ़ आजमगढ़ रहा है। यहां पर सपा को हराने के लिए भाजपा के मंत्री से लेकर जिला प्रशासन व बसपा के प्रत्याशी लगे हुए थे। इस तिकड़ी गठजोड़ के चलते उन्हें हार का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि मैं अपनी हार के लिए बसपा-भाजपा के गठबंधन को बधाई दूंगा जो प्रत्यक्ष तौर पर राष्ट्रपति के चुनाव में सामने आया और आजमगढ़ के चुनावों में पहले से चल रहा था। उन दोनों (बसपा और भाजपा के) लोगों को अपनी खुशी का इजहार करना चाहिए। आगामी चुनाव में यहां की जनता इसका मुंहतोड़ जवाब देगी।
