हिमाचल प्रदेश: पशुओं को मौत की नींद सुलाने वाला ‘लंपी वायरस’ देशभर में पांव पसार रहा है, इस बीमारी से कई राज्यों में हड़कंप मच गया है l यह वायरस गुजरात मध्यप्रदेश, राजस्थान, हरियाणा समेत अन्य राज्यों में दहशत मचाने के बाद अब हिमाचल प्रदेश में भी संक्रमण तेजी से फैल रहा है l हिमाचल प्रदेश सरकार ने किन्नौर, चंबा और लाहौल-स्पीति को छोड़कर नौ जिलों में लंपी त्वचा रोग को महामारी घोषित कर दिया है।
इन जिलों में 6,300 सौ पशु संक्रमित हो गए हैं। 150 करीब पशु अब तक दम तोड़ चुके हैं। शुक्रवार को 756 नए पशु संक्रमित हुए हैं। हिमाचल में यह बीमारी तेजी से पांव पसार रही है। प्रदेश सरकार ने बीमारी पर काबू पाने के लिए टास्क फोर्स गठित की है। सूचना मिलने पर टीम मौके पर जाकर पशुओं का इलाज कर रही है। मदद को लेकर मोबाइल नंबर जारी किए गए हैं।
प्रदेश सरकार ने वैक्सीन खरीदने के लिए 12 लाख की राशि जारी की है। इसके अलावा जिलों को भी दवाइयां खरीदने के निर्देश दिए गए हैं। अब तक हिमाचल प्रदेश में 27,831 से ज्यादा गायों को वैक्सीन लगाई गई है। प्रभावित जिलों में विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों की टीमें बनाई गई हैं। पांच किलोमीटर के दायरे में पशुओं का टीकाकरण किया जा रहा है। प्रदेश सरकार की ओर से गांव-गांव में डॉक्टरों की टीमें भेजी जा रही हैं। पशुपालकों को बीमारी के बारे में अवगत करवाया जा रहा है।
सरकार हिमाचल में लंपी त्वचा रोग से मरे पशुओं का मुआवजा प्राकृतिक आपदा कोष से देगी। पशुपालकों को पशु चिकित्सक का प्रमाणपत्र संलग्न कर मुआवजे के लिए दावा करना होगा। पशु चिकित्सक की यह रिपोर्ट लगानी अनिवार्य होगी कि पशु की मौत लंपी त्वचा रोग के कारण हुई है। सरकार ने पहले ही वायरस से मरे पशुओं के मालिकों 30,000 रुपये की राहत राशि देने की घोषणा कर रखी है। पशुपालकों को मुआवजा लेने के लिए सभी जरूरी दस्तावेज क्षेत्र से संबंधित उपमंडलाधिकारी के पास मुआवजे लिए भेजना होंगे।
