महाराष्ट्र: महाराष्ट्र में पिछले महीने रेस्क्यू किया गया 10 फीट लंबा एक अजगर घावों की वजह से जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा है। वह बुरी तरह से जख्मी है। उसके शरीर पर कई तरह के फ्रैक्चर हैं और वह घावों से तड़प रहा है। पशु चिकित्सक और वन्यजीवों के लिए काम करने वाले लोग पिछले करीब दो हफ्तों से उसे बचाने की सारी कोशिशें कर रहे हैं। इलाज का असर तो हुआ है, लेकिन वह काफी नहीं है।
अब डॉक्टरों ने उसे एक विशेष मेडिकल प्रोसेड्योर से गुजारने का फैसला किया है, जो ऐसे वन्यजीवों के लिए थोड़े अजीब हैं। कई जगह से हड्डियां टूटने व गहरे जख्म होने से डॉक्टरों ने प्लास्टिक सर्जरी का निर्णय लिया। अजगर इंडियन रॉक पाइथन प्रजाति का है। वन विभाग के अधिकारियों को यकीन है कि एकबार प्लास्टिक सर्जरी सफल होने के बाद यह जंगली पूरी तरह से स्वस्थ हो सकता है।
डॉ. रीना देव ने बताया कि इस जीव का मुंह भी क्षतिग्रस्त हो चुका है, जिसे फिर से तैयार किया जाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर सर्जरी सफल होती है तो यह कई अन्य घायल वन्यजीवों को बचाने में एक मिसाल कायम करेगी। गंभीर रूप से घायल अजगर को वन विभाग व वन्य जीव संगठन की मदद से अगस्त में बचाया गया था लेकिन स्थिति बेहद गंभीर बनी हुई है।
