Uttar Pradesh

यूपी: अयोध्या की नाबालिग का अब लखनऊ में इलाज, डॉक्टरों ने जताई चिंता, गर्भपात से दुष्कर्म पीड़िता की जान पर खतरा

लखनऊ: अयोध्या के भदरसा में हैवानियत का शिकार हुई 12 साल की बच्ची इन दिनों कई दर्द का सामना कर रही है। इस बीच पीड़िता को सोमवार को किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में भर्ती कराया गया। यहां स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में उसका इलाज किया जा रहा है। जिला महिला अस्पताल में भर्ती दुष्कर्म पीड़िता को लखनऊ के लिए रेफर किया गया था। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच एंबुलेंस से सीएमओ डॉ. संजय जैन पीड़िता को लेकर लखनऊ गए थे।

भदरसा दुष्कर्म कांड की पीड़िता के गर्भ में 12 सप्ताह का भ्रूण पल रहा है। बात पर सहमति की जा रही है कि उसका प्रसव होगा या गर्भपात। प्रसव और गर्भपात दोनों स्थितियों में ही बच्ची को दर्द सहना पड़ेगा। दोनों स्थितियों में ही उसकी जान को खतरा है। चिकित्सकों ने कहा, शारीरिक व मानसिक रूप से इसके लिए अक्षम होने के कारण उसका प्रसव भी संभव नहीं है। दूसरा विकल्प गर्भपात का है, लेकिन दोनों स्थितियों में पीड़िता की जान को खतरा बताया जा रहा है।

आपको बता दें कि जिला अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सक और जोखिमपूर्ण इलाज के लिए संसाधन पर्याप्त नहीं थे। इसे लेकर सीएमओ डॉ. संजय जैन ने सोमवार को भी महिला अस्पताल की सीएमएस डॉ. विभा कुमार, अधीक्षक डॉ. आशाराम व अन्य विशेषज्ञों के साथ बैठक की। वार्ता के दौरान बालिका को लखनऊ रेफर करने का निर्णय लिया गया। बाल कल्याण समिति ने भी इसमें अपनी सहमति दी तो सोमवार की दोपहर लगभग 12 बजे बालिका को कड़ी सुरक्षा के बीच लखनऊ रेफर कर दिया गया। बालिका के साथ एंबुलेंस में स्वास्थ्य विभाग की टीम भी रवाना हुई है, जो रास्ते में बालिका की देखभाल करेगी।

उधर, केजीएमयू के प्रवक्ता प्रो. सुधीर सिंह ने बताया कि किशोरी को दोपहर तीन बजे भर्ती कराया गया है। उसकी सभी प्राथमिक जांचें की जा चुकी हैं। विशेषज्ञों की टीम जटिलता का जांच कर रही है।

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