ज्ञानवापी: उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के ज्ञानवापी परिसर में व्यास तहखाने में 31 साल बाद बुधवार देर रात 11 बजे मूर्तियां रख कर पूजा-अर्चना की गई। बता दें कि अदालत ने 31 जनवरी को ज्ञानवापी परिसर में व्यासजी के तहखाने में पूजा-पाठ की इजाजत दी। आदेश पर अमल करते हुए प्रशासनिक अधिकारियों ने कड़ी सुरक्षा में तहखाने में देर रात से ही पूजा-अर्चना शुरू करा दी। गुरुवार तड़के मंगला आरती भी हुई।
जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने बुधवार को अपने आदेश में कहा कि व्यासजी के तहखाने में स्थित मूर्तियों की पूजा राग-भोग व्यास परिवार और काशी विश्वनाथ ट्रस्ट बोर्ड के पुजारी से कराएं। जिला जज ने अपने ऑर्डर में लिखा है कि रिसीवर जिला मजिस्ट्रेट को यह निर्देश दिया जाता है कि वह चौक थाना क्षेत्र के सेटलमेंट प्लाट नंबर-9130 में स्थित भवन के दक्षिण के तरफ स्थित तहखाने में स्थित मूर्तियों की पूजा राग-भोग पुजारी से कराएं।
इसके साथ ही अदालत ने कहा कि इस संबंध में रिसीवर सात दिन के भीतर लोहे की बाड़ का उचित प्रबंध कराएं। अदालत ने मुकदमे की सुनवाई की अगली तिथि 8 फरवरी दी है। इस बीच वादी और प्रतिवादी पक्ष अपनी आपत्तियां प्रस्तुत कर सकते हैं। वहीं, कोर्ट के फैसले पर नेताओं ने प्रतिक्रिया भी दी है।
ज्ञानवापी में व्यासजी के तहखाने में पूजा के अधिकार पर भड़के औवेसी बोले फैसला देने वाले जज का रिटायरमेंट का दिन था। 17 जनवरी को उन्होंने डिस्ट्रिक मजिस्ट्रेट को रिसीवर अपॉइंट किया था। अब आपने तहखाने में पूजा का अधिकार देकर पूरे केस को ही डिसाइड कर दिया। 1993 से वहां कुछ नहीं हो रहा था, लेकिन आपने अब पूजा का अधिकार दे दिया है। ये खुले तौर पर वर्शिप एक्ट का उल्लंघन है, ये गलत फैसला है।
आपको बता दें कि ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में 31 साल बाद बुधवार देर रात 11 बजे मूर्तियां रख कर पूजा-अर्चना की गई। इस दौरान DM और पुलिस कमिश्नर भी मौजूद रहे। दीप जलाकर गणेश-लक्ष्मी की आरती उतारी गई। तहखाने की दीवार पर बने त्रिशूल समेत अन्य धार्मिक चिन्हों को भी पूजा गया।
