सियासत: सपा और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) गठबंधन में दरार पड़ने की चर्चाओं के बीच सुभासुपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने कहा है कि वह पहले अखिलेश यादव से मिलकर कुछ सवाल पूछना चाहते हैं। इसके बाद ही गठबंधन के भविष्य और राष्ट्रपति चुनाव में वोट देने को लेकर फैसला लेंगे।
उसमें एक सवाल यह भी करेंगे कि विपक्षी उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के कार्यक्रम में गठबंधन में शामिल रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी को बुलाया गया तो सुभासपा अध्यक्ष को क्यों नहीं बुलाया गया। इसके अलावा भी कई ऐसे सवाल हैं जो अखिलेश से पूछेंगे। लेकिन उनसे समय मांगे तीन दिन हो गया है, उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिला है। इसलिए हम भी प्रतीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अखिलेश से ये भी पूछेंगे कि उन्हें अब हमारी जरूरत है या नहीं। इसके बाद ही कोई फैसला लेंगे।
उधर ओमप्रकाश के बार-बार बयान बदलने से सपा और भाजपा में असमंजस की स्थिति है। सियासी गलियारों में राजभर और भाजपा के बीच फिर से नजदीकी बढ़ने की चर्चाएं जोरों पर है। यह भी कहा जा रहा है कि राजभर राष्ट्रपति पद के लिए 18 जुलाई को होने वाले चुनाव तक अपना पत्ता नहीं खोलेंगे। वहीं कुछ सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि राजभर और भाजपा के रणनीतिकारों के बीच गुप्त समझौता हो चुका है और राजभर व उनकी पार्टी के सभी विधायकों ने द्रौपदी मुर्मू को वोट देने की हामी भर दी है।
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के सम्मान में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास पर आयोजित रात्रि भोज में शामिल होकर राजभर ने सियासी हलचल पैदा कर दी थी। इसके बाद राजभर के कई बयान भी यह संकेत कर रहे हैं सपा-सुभासपा गठबंधन में गांठ पड़ चुकी हैं।
