यूपी चुनाव: यूपी में चुनावी हलचल के बीच शुक्रवार को सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बसपा से निष्कासित हो चुके लालजी वर्मा और राम अचल राजभर से मुलाकात की है, इससे समाजवादी पार्टी में लालजी वर्मा और राम अचल के जाने का रास्ता साफ नजर आ रहा है, और जल्द ही सपा की साइकिल पर सवारी कर सकते हैं l
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की सियासी सरगर्मियां बढ़ने के साथ ही राजनीतिक दल भी अपने-अपने सियासी समीकरण को दुरुस्त करने में जुट गए हैंl बीजेपी ने शुक्रवार को संजय निषाद की निषाद पार्टी के साथ मिलकर 2022 के चुनाव लड़ने का ऐलान किया तो सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बसपा से निष्कासित हो चुके लालजी वर्मा और राम अचल राजभर से मुलाकात की है l ऐसे में माना जा रहा है कि बसपा के संस्थापक सदस्य रहे दोनों ही ओबीसी नेता जल्द ही सपा की साइकिल पर सवारी कर सकते हैं l
खबर के मुताबिक अगले महीने लालजी वर्मा और रामअचल राजभर सपा में शामिल होंगे, 10 अक्तूबर को अंबेडकर नगर में एक बड़ी जनसभा कर सपा प्रमुख अखिलेश यादव की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता लेंगे l इसी बहाने दोनों ही नेता रैली में भीड़ जुटाकर अपनी सियासी ताकत भी दिखाना चाहते हैं l
रामअचल राजभर और लालजी वर्मा बसपा के संस्थापक सदस्यों में से थे और कांशीराम के समय से ही पार्टी में जुड़े हुए रहे थे l दोनों ही नेताओं को मायावती का करीबी माना जाता था, जिसके चलते पार्टी में इनका कद काफी बड़ा था l रामअचल राजभर बसपा सरकार में महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री रहे हैं l इसके अलावा वो लंबे समय तक पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी को भी निभाया है l
वहीं, लालजी वर्मा भी बसपा के सभी सरकारों में अहम मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालते रहे हैं और बसपा विधायक दल के नेता थे l कुर्मी समुदाय से आने वाले लालजी वर्मा का यूपी में अपना सियासी कद है l वर्मा और राजभर दोनों ही अंबेडकरनगर जिले से आते हैं l ऐसे में बसपा छोड़कर सपा में जाने से अखिलेश यादव को सियासी ताकत मजबूत होगी l बसपा के लिए अंबेडकरनगर में बड़ा झटका साबित हो सकते हैं l
