श्रीलंका: श्रीलंका की सरकार बीते कुछ महीनों नें महंगाई पर लगाम लगाने में असर्मथ रही है और देश भर में इस वजह से उसे आलोचना का सामना करना पड़ा है l श्रीलंका ने वैश्विक वित्तीय संस्थानों के बजाय अपने पड़ोसियों से सहायता जुटाना बेहतर समझा है l कंगाल होने की कगार पर पहुंच चुके श्रीलंका की सरकार की ओर से कहा गया है कि उसे भारत से 1.5 अरब डॉलर की सहायता और मिलने की उम्मीद है।
गौरतलब है कि भारत कुछ सप्ताह पहले श्रीलंका को एक अरब डॉलर के सहायता पैकेज और भुगतान संतुलन समर्थन की घोषणा कर चुका है। श्रीलंका के विदेश मंत्री जी एल पीरिस ने कहा कि हम संकट के जिस दौर से गुजर रहे हैं उसमें भारत से आगे और सहायता मिल सकती है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि श्रीलंका के वित्त मंत्री बेसिल राजपक्षे की भारतीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ नई दिल्ली में हुई बातचीत के परिणामस्वरूप एक राहत पैकेज मिला।
इसी तरह, हमें और 1.5 अरब डॉलर मिलने की संभावना है। पीरिस ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से संपर्क करने का विकल्प अभी भी हमारे लिए खुला हुआ है। हम आईएमएफ संगठन के सदस्य हैं और इसके दरवाजे अभी भी हमारे लिए खुले हैं।
