यूपी: दहेज प्रथा से निपटने के लिए सरकार ने सबसे पहले सरकारी नौकरी करने वालों पर ही शिकंजा कसना शुरु कर दिया है। उत्तर प्रदेश दहेज प्रतिषेध अधिनियम व नियमावली में संशोधन के बाद शासन ने एक आदेश जारी किया है। जिसमें सरकारी विभागों में कार्यरत अधिकारियों व कर्मचारियों को शपथपत्र देना होगा कि उन्होंने अपने विवाह में लड़की पक्ष से कोई दहेज नहीं लिया था।
सरकारी नौकरी में होने के बाद शादी में मोटा दहेज लेने वालों को नौकरी से भी हाथ धोना पड़ सकता है। इसके लिए सभी सरकारी विभागों को एक सर्कुलर जारी किया है। इसके अलावा सभी जिलों के अधिकारियों और कर्मचारियों से शपथ पत्र मंगाया जा रहा है कि वो अपनी शादी में दहेज नहीं लेगें। यही नहीं, जिन लोगों की शादी हो गई है, उन्हें भी ये लिखकर देना होगा कि उन्होंने दहेज नहीं लिया है। ऐसे में अगर दहेज लेने की बात सामने आई तो फिर नौकरी भी जा सकती है।
अब सरकारी सेवा में कार्यरत अधिकारी-कर्मचारी अपनी शादी में अब दहेज नहीं ले सकेंगे। उन्हें शादी के समय का जिक्र करते हुए अपने नियुक्ति अधिकारी को यह शपथ पत्र देना होगा कि उन्होंने अपनी शादी में किसी तरह का दहेज नहीं लिया है। जिले के सबसे बड़े सरकारी सेवा वर्ग से जुड़े शिक्षकों ने इस व्यवस्था का स्वागत करते हुए कहा कि वे दहेज नहीं लेंगे और विद्यार्थियों व अन्य लोगों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करेंगे। सरकारी अधिकारियों- कर्मचारियों को अपनी शादी में दहेज लेने से रोक लगाने के लिए शासन स्तर से पहल शुरू हो गई है।
महिला कल्याण विभाग की निदेशक संदीप कौर ने सभी विभागाध्यक्षों को दिशा निर्देश जारी किया है कि सरकारी सेवकों से इसका शपथ पत्र लिया जाए। इसके लिए निर्धारित फॉर्मेट में एक शपथ पत्र भरकर देना होगा, जिसमें स्पष्ट करना होगा कि उसने शादी के समय या बाद में दहेज नहीं लिया है। शासन उत्तर प्रदेश दहेज प्रतिषेध नियमावली 2004 का पालन सख्ती से कराने के लिए सक्रिय हो गया है।
