Uttar Pradesh

यूपी : यूपी के तीन करोड़ कस्टमर्स को महंगी बिजली देने की तैयारी शुरू, नियामक आयोग ने स्वीकार किया कंपनियों का प्रस्ताव

यूपी : यूपी के तीन करोड़ कस्टमर्स को महंगी बिजली देने की तैयारी शुरू हो गई है। प्रदेश में बिजली दरें बढ़ाने की कवायद शुरू हो गई है। राज्य विद्युत नियामक आयोग ने बिजली कंपनियों की ओर से 8 मार्च को दाखिल 2022-23 के वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) प्रस्ताव, 2020-21 की ट्रू-अप याचिका व 2121-22 की एनुअल परफार्मेंस रिपोर्ट (एपीआर) को स्वीकार लिया। अब इस पर सुनवाई होगी। ऐसे में मान लीजिए कि बिजली दरों को बढ़ाने के लिए शासन ने पहल शुरू कर दी है।

विद्युत अधिनियम 2003 के प्रावधान के अनुसार आयोग को एआरआर स्वीकार करने के 120 दिन के भीतर नया टैरिफ आर्डर जारी करना होगा। नियामक आयोग के अध्यक्ष आरपी सिंह, सदस्य कौशल किशोर शर्मा व वीके श्रीवास्तव की पूर्ण पीठ ने बिजली कंपनियों का एआरआर स्वीकार करते हुए नई दरों को लेकर आगे की कार्यवाही शुरू कर दी है। आयोग जल्द ही बिजली दर पर जनसुनवाई की तारीखें घोषित करेगा। इससे पहले आयोग के आदेशानुसार बिजली कंपनियों को एआरआर संबंधित सभी जानकारियां व आंकडे़ तीन दिन में समाचार पत्रों में प्रकाशित कराना होगा।

उपभोक्ताओं व सभी हितधारकों को उस पर 15 दिन में आपत्तियां और सुझाव दाखिल करने का समय दिया जाएगा। आपत्तियां व सुझाव प्राप्त करने के बाद आयोग जनसुनवाई करेगा। गौरतलब है कि इस बार बिजली कंपनियों ने 17 प्रतिशत वितरण हानियाें के आधार 85,500 करोड़ रुपये का एआरआर दाखिल किया है। इसमें लगभग 6,700 करोड़ रुपये घाटा दिखाया गया है। चूंकि कई बार आदेश देने के बाद भी बिजली कंपनियों ने दरें प्रस्तावित नहीं की हैं। ऐसे में अब गेंद आयोग के पाले में आ गई है।

उधर, राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद बिजली दरों में कमी कराने के लिए सक्रिय हो गया है। परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि बिजली कंपनियों के रवैये से साफ हो गया है कि वे उपभोक्ता परिषद की बिजली दरों में कमी की याचिका पर कोई जवाब नहीं देंगी। अब आयोग की जिम्मेदारी बनती है कि वह बिजली कंपनियों पर उपभोक्ताओं के  निकल रहे 20,596 करोड़ रुपये के एवज में दरों में कमी करे। उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं को राहत दिलाने के लिए राज्य सरकार को भी आगे आकर विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 108 के तहत नियामक आयोग को बिजली दरों में कमी का निर्देश देना चाहिए।

Most Popular

Uncategorized

उत्तर प्रदेश पुलिस का सिपाही मिशन शक्ति जैसे अभियान को दिखा रहा ठेंगा!दो बीवियों के बीच फसा उत्तर प्रदेश पुलिस का सिपाही,एक बीवी घर तो दूसरी को ले तैनाती क्षेत्र में रह रहा था! घर वालों को पता चलने पर दूसरी को छोड़ा तो दूसरी बीवी ने किया मुकदमा!उत्तर प्रदेश में कानून का रखवाला ही कानून की धज्जियां उड़ा रहा,शादीशुदा होने के बावजूद कई सालों से दूसरी महिला को पत्नी बनाकर साथ में रह रहा था! बताते चलें कि देवरिया जिले का सिपाही ना०पु०062620433 रवि प्रताप जो पहले से शादीशुदा था महाराजगंज में तैनाती के दौरान महाराजगंज की एक महिला को भी अपनी पत्नी बनाकर साथ में रखा हुआ था! कई सालों तक साथ में रहने के बाद जब घर वालों को पता चला तो वह दूसरी बीवी को छोड़कर भागने के फिराक में लग गया! लेकिन दूसरी बीवी उसे भागता देख जिले के ही पुलिस अधीक्षक के पास शिकायत लेकर पहुंची और सिपाही रवि प्रताप के खिलाफ 376,और 493/506, समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है! अब सवाल यह उठ रहा है कि ऐसी धाराओं में मुकदमा दर्ज होने के बाद भी सिपाही रवि प्रताप निश्चिंत होकर अपनी ड्यूटी गोंडा जिले के जीआरपी में कर रहा है और कानून के बीच के बीच फसाकर दूसरी बीवी को प्रताड़ित कर रहा है!आपको बताते चलें कि महाराजगंज जिले में यह मामला काफी चर्चा में रहा है लेकिन विभागीय होने के नाते पुलिस विभाग के द्वारा भी आज तक ना तो सिपाही रवि प्रताप को गिरफ्तार किया गया ना ही उसकी दूसरी पत्नी के लिए न्याय संगत कोई कदम उठाया गया! कागजी कार्यवाही में कोटा पूर्ति करके सिर्फ महिला को थाने कचहरी और कोर्ट तक भगाया गया अब प्रश्न यह उठता है कि जब एक व्यक्ति कई सालों तक उक्त महिला के साथ रह रहा था तो ऐसे में उस महिला के ऊपर पड़ने वाले खर्च का भार कौन उठाएगा और किस के भरोशे न्याय के नियत दर-दर भटकेगी! बात करने पर सिपाही रवि प्रताप की दूसरी पत्नी ने बताया कि सिपाही रवि प्रताप के रिश्तेदारों के द्वारा उसे जान से मारने की धमकी भी मिल रही है और तरह-तरह के कूट रचित योजनाओं सेवा किसी भी तरीके से मामले को सुलह के रास्ते पर ले जाना चाहता है! उक्त प्रकरण में जो कि मामला गिरफ्तारी का है कि बावजूद कानून व्यवस्था को ही इस्तेमाल कर उक्त सिपाही इस मामले से निकल अपनी रोटी सेक दूसरी महिला के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहा है! जहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मिशन शक्ति अभियान के तहत महिलाओं की सुरक्षा और उनके जीवन को मजबूत रखने के लिए तरह-तरह के कानून बना रहे हैं वहीं ऐसे भ्रष्ट और अयाश कानून के रखवाले सारे कानून को तोड़ सरकार की मंशा पर पानी फिरने का काम कर रहे हैं!(साक्ष्य मौजूद)

To Top