यूपी: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को अयोध्या के दिगंबर अखाड़ा परिसर में राम मंदिर आंदोलन के महानायक रामचंद्र दास परमहंस की 21 वीं पुण्यतिथि पर उनकी मूर्ति का अनावरण किया। उन्होंने कहा कि राम जन्म भूमि के लिए उनका पूरा जीवन समर्पित था। उन्होंने अपने जीवन को राम मंदिर के लिए मिशन बनाया। परमहंस की मूर्ति को देख ऐसा लगा कि अभी कुछ बोलने वाले हैं।
आदित्यनाथ ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के भक्त ब्रह्मलीन परमहंस रामचंद्र दास का पूरा जीवन राम जन्म भूमि के लिए समर्पित रहा। उन्होंने इस आंदोलन को जीवन का मिशन बनाया। संतों का संकल्प एक साथ एक स्वर में बढ़ा तो अयोध्या में मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ। मेरा सौभाग्य है कि 21 वर्ष बाद ही सही, उनकी प्रतिमा के स्थापना का सौभाग्य मुझे प्राप्त हुआ है।

उन्होंने कहा कि गोरक्षपीठ और दिगंबर अखाड़ा एक-दूसरे के पूरक रहे हैं। तत्कालीन महंत दिग्विजय नाथ के सानिध्य में आंदोलन में अग्रणी रहे। आज अयोध्यावासियों को पूरे देश में सम्मान मिल रहा, सम्मान मिलता नहीं सम्मान सुरक्षित करना होगा। सीएम ने कहा कि संतों की पहचान यही है। परमहंस जी सोच रहे होंगे कि मेरा संकल्प पूरा हुआ, उनका आशीर्वाद पीएम नरेंद्र मोदी को भी प्राप्त हुआ। राम मंदिर आंदोलन के यज्ञ की पूर्णाहुति में उनका आशीर्वाद प्राप्त हुआ है। परमहंस जी वापस दिगंबर अखाड़ा में विराजमान हो गए हैं। परमहंस महराज जी मेरे गुरु के गुरु थे। मूल्य और आदर्श के लिए परमहंस जी हमेशा डटे रहे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बांग्लादेश में मची उथल पुथल और वहां के अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार पर बांग्लादेश का नाम लिए बिना कहा कि आज पड़ोसी मुल्कों में हिंदुओं को खोज कर मारा जा रहा है। मठ और मंदिर तोड़े जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें इतिहास से सीख लेनी होगी और एक होकर संकल्प के साथ सनातन की रक्षा करना होना होगा।
मुख्यमंत्री ने पूजन-अर्चन के बाद परिसर में पौधरोपण भी किया। इसके बाद उन्होंने साधु-संतों के साथ भंडारे में प्रसाद भी ग्रहण किया।
