यूपी: मुख्तार अंसारी की मौत के बाद से ही गाजीपुर जिले में चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई थी। उत्तर प्रदेश पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच बांदा के पोस्टमार्टम हाउस से माफिया मुख्तार अंसारी का शव गाजीपुर जिले के मुहम्मदाबाद स्थित उसके पैतृक निवास लाया गया। शुक्रवार को शाम 4:43 बजे शव का काफिला बांदा से निकला जो देर रात 1:15 बजे गाजीपुर के मुहम्मदाबाद में मुख्तार के आवास पर पहुंचा। बताया जा रहा है कि घर के पीछे के रास्ते शव लाया गया। शुक्रवार आधी रात करीब एक बजकर 15 मिनट पर मुख्तार ताबूत में अपने घर मुहम्मदाबाद पहुंचे। लोग घर के बाहर कई घंटे से खड़े होकर शव का इंतजार कर रहे थे।
बांदा मेडिकल कॉलेज से एंबुलेंस से उसके शव को शुक्रवार को अपराह्न बाद करीब 4:43 बजे गाजीपुर के लिए रवाना किया गया था। सुरक्षा के कड़े इंतजाम और एंबुलेंस सहित 21 गाड़ियों के साथ बांदा से गाजीपुर की दूरी करीब 8.32 घंटे में तय हुई। शव वाहन बांदा से फतेहपुर, कौशांबी, प्रयागराज और भदोही होते हुए रात करीब 10.32 बजे वाराणसी पहुंचा, फिर गाजीपुर रवाना हो गया। मुख्तार के छोटे बेटे उमर अंसारी और बड़ी बहू निकहत अंसारी बांदा से शव वाहन के साथ आए।
शुक्रवार की आधी रात के बाद शव घर पहुंचा तो लोगों की भीड़ अंतिम दर्शन के लिए व्याकूल दिखी। वहीं मुख्तार के आवास के चारों तरफ बैरिकेडिंग कर भीड़ को नियंत्रित किया गया था। सुबह से लोगों की भीड़ फिर से जुटने लगी थी। इस दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
माफिया मुख्तार अंसारी को सुपुर्दे-ए खाक करने के लिए उसके घर से करीब 400 मीटर दूर पुस्तैनी कब्रिस्तान में कब्र खोदी गई, जो 7.6 फीट लंबी और पांच फीट गहरी और चौड़ी थी। यह कब्र उसके मां-बाप की कब्र से पांच फीट नीचे (पैर की तरफ) बनाई गई।
मुख्तार अंसारी का शव कड़ी सुरक्षा के बीच दफनाया गया। इस दौरान भीड़ बेकाबू होने पर पुलिस प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ी। परिवार वालों के समझाने पर भी युवाओं ने पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़ दी। मुख्तार के कब्र पर मिट्टी डालने के लिए लोग बेताब रहे।
