गोवंश संरक्षण: इस समय उत्तर प्रदेश सरकार का गोवंश संरक्षण पर पूरा जोर है। जिससे पशुओं के इधर-उधर घूमने की समस्या का समाधान हो जाए। पशुओं की सुरक्षा और संरक्षण के इंतजाम को और पुख्ता करने के लिए संरक्षण केंद्रों को स्वावलंबी बनाया जाएगा। छुट्टा जानवर सड़कों पर न घूमें और उनका भरपूर उपयोग हो सके इसके लिए सरकार गंभीर है। बड़े बजट के साथ प्रदेश में बड़े गो संरक्षण केंद्र बनाने की सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है।
पहले चरण में इसके लिए छह सौ करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा गया है। प्रत्येक केंद्र या आश्रय स्थल पर आठ करोड़ रुपये खर्च करने की बात कही जा रही है। हालांकि जिलों से इससे ज्यादा रकम खर्च करने के प्रस्ताव आने शुरू हो गए हैं। सीएम योगी गोवंश संरक्षण के लिए जिलों में बड़े गो आश्रय स्थल बनाने की बात कह चुके हैं।
विभाग के मंत्री धर्मपाल सिंह के मुताबिक प्रदेश में लगभग 12 लाख छुट्टा गोवंश था जिसमें से लगभग दस लाख को आश्रय स्थलों में भेजा जा चुका है। दो लाख पशु अभी छुट्टा घूम रहे हैं जिन्हें दिसंबर तक आश्रय स्थलों में भेज दिया जाएगा। इसके लिए सभी जिलों में चार हजार पशु तक की क्षमता के गो आश्रय स्थल बनाने की तैयारी शुरू की जा रही है। इसके लिए जिलों से प्रस्ताव मांगे गए हैं।
पशुपालन विभाग के निदेशक डा. इंद्रमणि के मुताबिक 1,40,000 गोवंश को मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के तहत लोगों को दिया गया है। उन्हें तीस रुपये प्रति पशु प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान किया जा रहा है। 30 जून तक का भुगतान भेज दिया गया है।
