यूपी: आज यानी 8 जुलाई से उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों व कर्मचारियों की डिजिटल हाजिरी लगेगी। इधर प्रदेश के शिक्षकों, कर्मचारियों की डिजिटल अटेंडेंस (टैबलेट पर चेहरा दिखाकर उपस्थिति) लगाने की व्यवस्था का व्यापक स्तर पर विरोध शुरू हो गया है। रविवार को विभिन्न शिक्षक संगठनों ने बैठक कर इस पर नाराजगी जताई।
शिक्षकों ने डिजिटल अटेंडेंस के खिलाफ रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर अभियान भी चलाया। दोपहर तक लगभग साढ़े तीन लाख से अधिक शिक्षकों ने इसे रिट्विट किया। इसके माध्यम से उन्होंने इस व्यवस्था को स्थगित करने की मांग की। हालांकि विभाग अभी पीछे हटने को तैयार नहीं है। इधर विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन की बैठक में डिजिटाइजेशन को काले कानून की संज्ञा दी गई। साथ ही इसके खिलाफ 8 से 14 जुलाई तक शिक्षकों के काली पट्टी बांधकर काम करने और 15 जुलाई को जिला मुख्यालय पर धरना देने का निर्णय लिया गया।
प्रदेश व जिला पदाधिकारियों की बैठक में प्रदेश अध्यक्ष संतोष तिवारी ने कहा कि सभी ने एक स्वर से इस व्यवस्था का विरोध किया है। हम जिला स्तर पर प्रदर्शन कर सीएम को ज्ञापन भेजेंगे। साथ ही मांग करेंगे कि पहले शिक्षकों की ईएल, सीएल, हाफ डे जैसी मांग पूरी की जाए। बरसात की दिक्कत को देखते हुए फिलहाल डिजिटल अटेंडेंस स्थगित की जाए। साथ ही 15, 20 मिनट देर होने पर किसी तरह की कार्य वाही न करने की मांग की है।
फिलहाल बेसिक शिक्षा विभाग ने शिक्षकों की मांग और दिक्कत को देखते हुए शिक्षकों, कर्मचारियों की ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करने के निर्धारित समय सुबह 7:45 से 08 बजे तक में राहत दी है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा की ओर से संबंधित अधिकारियों को सूचित किया है कि डिजिटल उपस्थिति पंजिका पर शिक्षक उपस्थिति अंकित करने के लिए 30 मिनट का अतिरिक्त समय यानी 8:30 बजे तक ( कारण सहित उल्लिखित करते हुए ) का समय दिया गया है । हालांकि शिक्षक इससे संतुष्ट नहीं है।
बता दें कि पहले इसके लिए 15 जुलाई की तिथि निर्धारित की गई थी, लेकिन अब शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा की ओर से जारी आदेश के मुताबिक सोमवार से सभी शिक्षकों को ऑनलाइन व्यवस्था के अनुसार ही कार्य करना होगा।