कुशीनगर: एक तरफ जहाँ सरकार व प्रशासन नदी के पुनरुद्धार के लिए करोड़ों की लागत से सौंदर्यीकरण समेत स्वच्छता के लिए काम कर रही है वही दूसरी तरफ कुशीनगर से प्रवाहित होने वाली बौद्धकालीन पवित्र व पूजनीय हिरण्यवती नदी में जहर डालकर मछलियां पकड़ी जा रही हैं।
जहर डालने से जल प्रदूषित होने के साथ मछलियों के अलावा अन्य जलीय जीवों के जीवन पर भी संकट है। इसके चलते वह मर जाते हैं। इससे प्रदूषण भी फैलता है, लेकिन मछली पकड़ने वाले लोगों को इससे कोई जानकारी नहीं है।
बीते 19 नवंबर को नदी के बुद्धा घाट पर एक तरफ जहां दीपोत्सव का भव्य आयोजन चल रहा था, उसी दौरान नदी की दूसरी तरफ कुछ लोग मछलियां पकड़ने में मशगूल थे। बरसात का मौसम खत्म होने व नदी में जलस्तर कम होने से मछलियां पकड़ने वाले लोग नजर लगाए हैं। इसके चलते अलग-अलग स्थलों पर जहर डालकर मछली पकड़ने का काम करते हैं।
