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रक्षा मंत्रालय: सैनिक स्कूल सोसाइटी की मान्यता के लिए करीब 230 स्कूलों ने भेजे आवेदन, ‘नए स्कूलों पर ‘एक स्कूल, एक खेल’ नीति भी होगी लागू

रक्षा मंत्रालय: रक्षा मंत्रालय ने सैनिक स्कूल संबद्धता को लेकर चल रही योजना को लेकर कहा कि इस योजना के लिए 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्कूलों की प्रतिक्रिया कमजोर रही है और इस मामले में एक सक्रिय अभियान चलाने की जरूरत है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ये 13 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश- गोवा, मणिपुर, मेघालय, सिक्किम, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल, नयी दिल्ली, अंडमान और निकोबार, चंडीगढ़, लक्षद्वीप, पुडुचेरी, लद्दाख और जम्मू कश्मीर हैं।

बयान के अनुसार, ‘‘यह देखा गया है कि गोवा, मणिपुर, मेघालय, सिक्किम, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल, नयी दिल्ली, अंडमान और निकोबार, चंडीगढ़, लक्षद्वीप, पुडुचेरी, लद्दाख और जम्मू और कश्मीर से निजी या गैर सरकारी संगठनों द्वारा संचालित अथवा सरकारी स्कूलों की भागीदारी कम रही है, जबकि इन राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों के लिए अपने क्षेत्र में सैनिक स्कूल स्थापित करने का एक सुनहरा अवसर है।’’

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बीते साल अक्तूबर में राज्यों, गैर-सरकारी संगठनों और निजी संस्थानों की साझेदारी से सैनिक स्कूल सोसाइटी के तहत 100 मान्यता प्राप्त सैनिक स्कूलों की स्थापना से जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक ये मान्यता प्राप्त स्कूल एक विशेष संस्थान के रूप में काम करेंगे और रक्षा मंत्रालय के मौजूदा सैनिक स्कूलों से काफी अलग होंगे। बयान में कहा गया है कि विभिन्न राज्यों के लगभग 230 स्कूलों ने खुद को सैनिक स्कूल सोसाइटी से संबद्ध करने के लिए अपने आवेदन भेजे हैं।

एक बार जब स्कूल अपने आवेदन फॉर्म जमा कर देते हैं, तो उनका मूल्यांकन जिला स्तर पर एक स्कूल मूल्यांकन समिति द्वारा किया जाएगा और जनवरी के अंतिम सप्ताह तक रिपोर्ट सैनिक स्कूल सोसाइटी को सौंप दी जाएगी। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, सैनिक स्कूल सोसाइटी से मान्यता प्राप्त करने वाले स्कूल अगले अकादमिक सत्र (अप्रैल 2022) से सैनिक स्कूलों के पाठ्यक्रम और गतिविधियों का पालन करना शुरू कर देंगे। यह पाठ्यक्रम कक्षा छह और उससे ऊपर के छात्रों पर लागू होगा। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि नए सैनिक स्कूलों पर ‘एक स्कूल, एक खेल’ नीति भी लागू होगी, ताकि वे संबंधित राज्य के लिए चिन्हित कम से कम एक खेल विधा पर ध्यान केंद्रित कर सकें।

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