दहशत : यूपी में 2.0 योगी सरकार में खाद्यान्न का लाभ उठा रहे अपात्र राशन कार्डधारकों पर अब शासन का शिकंजा कसता जा रहा है। बीते दिनों ही शासन ने निर्देशित किया था कि ऐसे राशन कार्डधारक जो अपात्र होते हुए भी राशन कार्डधारक के माध्यम से खाद्यान्न का लाभ उठा रहे हैं, वे अपना राशन कार्ड सरेंडर कर दें। यदि ऐसा नहीं किया, तो जांच होने पर अपात्र पाए जाने पर रिकवरी की जाएगी।
यूपी सरकार की तरफ से कार्रवाई और रिकवरी के डर से अपात्र राशन कार्ड धारक अपने कार्ड सरेंडर कर रहे हैं। वसूली का ऐसा भय नजर आया कि प्रदेश में पिछले माह 43 हजार लोगों ने यह कहते हुए अपने कार्ड सरेंडर कर दिए कि वह इसके पात्र नहीं हैं। मई माह में राशन कार्डों के सत्यापन का अभियान और तेजी से चल रहा है और माना जा रहा है कि मई के अंत तक यह आंकड़ा और ज्यादा होगा।
यदि कोई अपात्र हैं और उसने राशन कार्ड बनवाकर उस पर राशन लिया है तो उससे वसूली भी हो सकती है। इस बात पर सभी जिलों में सत्यापन का कार्य शुरू किया गया है। उधर विभिन्न जिलों में जिलाधिकारियों ने यह चेतावनी भी जारी कर दी कि ऐसे लोगों से गेहूं और चावल की बाजार की दर के हिसाब से वसूली की जाएगी। ऐसे में यदि कोई अपात्र है तो वह पहले ही अपना राशन कार्ड सरेंडर कर दें।
इस चेतावनी का यह असर आया कि अप्रैल माह में प्रदेश भर में 43 हजार लोगों ने अपने राशन कार्ड सरेंडर कर दिए। अपर खाद्य आयुक्त अनिल दुबे के मुताबिक मई माह में भी लगातार लोग अपने कार्ड सरेंडर कर रहे हैं।
