नकली डिटर्जेंट: हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड के अधिकृत प्रतिनिधि राजेश कुमार ने बाहरी उत्तरी जिला में नकली डिटर्जेंट पाउडर बनाकर उसे सर्फ एक्सेल के पैकिंग में बेचे जाने की शिकायत की। जिला की यूनिट ने कॉपी राइट का मामला दर्ज कर जांच शुरू की। पुलिस ने फैक्ट्री मालिक को गिरफ्तार कर पूछताछ की।जिला पुलिस उपायुक्त राजीव रंजन ने बताया कि फैक्ट्री मालिक की पहचान नरेला निवासी मुकेश गर्ग के रूप में हुई है। मुकेश पर पहले से कॉपी राइट एक्ट के तहत तीन मामले दर्ज हैं।
निरीक्षक अरुण देव नेहरा के नेतृत्व में पुलिस टीम को पता चला कि नरेला का कुरेनी गांव में नकली डिटर्जेंट बनाने की फैक्ट्री चल रही है, पुलिस टीम ने वहां छापा मारा। फैक्टरी से पुलिस ने काफी मात्रा में नकली डिटर्जेंट पाउडर और उसे बनाने में इस्तेमाल होने वाले सामान बरामद किए।
मुकेश ने बताया कि वह लंबे समय से कालाबाजारी के धंधे से जुड़ा है। उसका नरेला में अनाज की दुकान है। वह सरकार से कम दाम में मिलने वाले अनाज का कालाबाजारी करता था। इसके बाद उसने दिल्ली के बवाना में जाने माने कंपनियों के दैनिक उपभोग्य की वस्तुओं की नकली सामान को बनाने की फैक्ट्री खोली। उस फैक्ट्री में एक मजदूर के घायल होने के बाद उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
इस घटना के बाद उसने बवाना में अपनी फैक्ट्री बंद कर समयपुर बादली में फैक्ट्री खोली। जहां उसने नकली नमक बनाकर उसे टाटा नमक के पैकिंग में बेचता था। समयपुर बादली थाना पुलिस ने उसे कॉपी राइट एक्ट के तहत गिरफ्तार कर लिया। उसके बाद वह अलीपुर इलाके में नकली डिटर्जेंट बनाने की फैक्ट्री चलाने लगा। वह नकली डिटर्जेंट को सर्फ एक्सेल के पैकिंग में डालकर बेचने लगा। अलीपुर थाना पुलिस ने भी उसके खिलाफ कॉपी राइट एक्ट के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया। उसके बाद वह नरेला में नकली डिटर्जेंट बनाकर उसे दिल्ली एनसीआर में बेचने लगा।