देवरिया 07 अगस्त। आगामी त्यौहारों, विश्वविद्यालयों की परीक्षा एवं कोविड-19 वैश्विक महामारी के प्रकोप से आमजन के बचाव हेतु धारा-144 पूरे जनपद में तत्काल प्रभाव से 07 अक्टूबर 2021 तक(दो माह के लिये) के लिये लागू कर दिया गया है, जिसका उल्लंघन दण्डनीय अपराध होगा। अपर जिला मजिस्ट्रेट कुवर पंकज ने बताया है कि इसके उल्लंघन पर भारतीय दण्ड विधान की धारा-188 के अन्तर्गत कार्यवाही की जायेगी। उन्होने इस अवधि में प्रतिबंधित क्रियाकलापों को कदापि नही करने की हिदायत दी हैं। साथ ही उन्होने यह भी कहा है कि जनपद में कोई भी व्यक्ति ऐसा कोई कार्य नही करेगा जिससे कानून एवं शान्ति व्यवस्था बिगडने की संभावना हो। उन्होने सभी से इस आदेश का पालन किये जाने की अपेक्षा की है।
अपर जिलाधिकारी प्रशासन ने इस धारा के अन्तर्गत प्रतिबंधित क्रियाकलापो के विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि जनपद में कोई भी व्यक्ति 5 या 5 से अधिक समूूह में एकत्रित नही होगें, न ही कोई जुलूस निकालेगें और न ही कोई सभा करेगें। जनपद में कोविड-19 (कोरोना वायरस) का प्रकोप के दृष्टिगत इससे बचाव हेतु निरंतर मास्क का प्रयोग, सोशल डिस्टेंसिंग के नियमो का पालन किया जाना आवश्यक होगा।कोई भी व्यक्ति एक-दूसरे से कम से कम 6 फीट की दूरी बना कर रखेंगे। यह व्यवस्था व्यापारिक व आवश्यक सेवा के प्रतिष्ठानों यथा-खाद्य सामग्रियों की खरीदारी, मेडिकल स्टोर्स, बैंक प्रतिष्ठानों, पेट्रोल पम्प व गैर एजेन्सियों पर भी लागू होगी तथा उक्त प्रतिष्ठानों पर भी शारीरिक दूरी के प्रतिबंधों का कड़ाई से पालन किया जायेगा। यह प्रतिबंध धार्मिक स्थलों यथा- पूजा-पाठ /नमाज/ प्रार्थना व अरदास के लिए मन्दिर, मस्जिद, चर्च व गुरूद्वारों के लिए भी लागू होगा तथा किसी भी धार्मिक स्थल पर 5 से अधिक व्यक्ति एक साथ इकठ्ठे नही होगे तथा कम से कम 6 फीट की दूरी बनाये रखेगे। प्रतिरूप/ मूर्तियों / पवित्र ग्रन्थों आदि को स्पर्श करने की अनुमति नहीं होगी। सभायें/मण्डली निषिद्ध रहेंगी। संक्रमण फैलने के खतरे के दृष्टिगत रिकार्ड किये हुए भक्ति संगीत/गाने बजाये जा सकते हैं, किन्तु समूह में इक्कठे होकर गायन की अनुमति नहीं होगी। धार्मिक स्थल के अन्दर किसी प्रकार के प्रसाद वितरण अथवा पवित्र जल के छिडकाव आदि की अनुमति नहीं होगी। एक दूसरे को बधाई देते समय शारीरिक सम्पर्क से बचना होगा। श्रद्धालु एवं पुजारी समेत कोई भी किसी को किसी रूप में स्पर्श नहीं करेंगे। घरों से बाहर निकलते समय मास्क व सेनेटाइजर का नियमित इस्तेमाल व सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन अनिवार्य रूप से किया जायेगा। कोविड-19 से बचाव हेतु लागू रोकथाम की यही व्यवस्था शॉपिंग मॉल, होटल एवं रेस्टोरेन्ट के सम्बन्ध में भी लागू होगी।

कोई भी व्यक्ति किसी धार्मिक स्थल को न तो क्षति पहुॅचायेगा और न ही इसकेे के लिये किसी को प्रेरित करेगा। धर्म विशेष की भावनाओं को उद्वेलित करने अथवा सम्प्रदायिक विद्वेष फैलाने का कार्य नही करेगा। धार्मिक उन्माद पैदा करने वालो कैसेट न तो बजायेगा और न ही उसे प्रसारित करना, धार्मिक उन्माद से जुडे पोस्टर चिपकाना इससे जुडी बाते दीवारो पर लिखना व लिखे जाने हेतु किसी को प्रेरित करना पूर्णतः प्रतिबंधित किया गया है। अस्त्र-शस्त्र लेकर चलना और विस्फोटक पदार्थ अपने पास रखे जाने की अनुमति नही होगी। विशेष परिस्थितियों में जिला मजिस्ट्रेट उप जिला मजिस्ट्रेट से अनुमति लेने के बाद ही कोई व्यक्ति लाइसेंसी अस्त्र शस्त्र लेकर चल सकेगा। यह प्रतिबंध सिख समूदाय के व्यक्तियों को कृपाण धारण करने, वृद्ध बीमार अथवा अन्धे व्यक्तियो के लाठी का प्रयोग करने पर लागू नही होगा।

जनपद में निर्धारित परीक्षा केन्द्रों पर कोविड-19 के दृष्टिगत सोशल डिस्टेसिंग का अनुपालन करते हुए अभ्यर्थियों हेतु मास्क, हैण्डग्लब, स्प्रे, सेनेटाइजर आदि की व्यवस्था करते हुए उक्त महत्वपूर्ण परीक्षा में सफल एवं शान्पिूर्ण संचालन हेतु परीक्षा केन्द्रों के आसपास 100 मीटर की परिधि में और आवश्यकता पडने पर उसके बाहर भी धारा-144 का पालन किया जाय। परीक्षा केन्द्रों के आसपास ध्वनि विस्तारक यंत्रो का प्रयोग तथा परीक्षा परिसर में मोबाइल फोन, ब्लूटूथ व अन्य संचार सम्बन्धी उपकरण एवं आई0टी0 गजेट्स ले जाना पूर्णतः प्रतिबन्धित होगा। परीक्षा के समाप्ति तक किसी भी अभ्यर्थी अथवा प्रश्नपत्र को परीक्षा केन्द्र से बाहर न जाने दिया जाय और निर्धारित परीक्षा केन्द्र पर पुलिस बल की पर्याप्त व्यवस्था की जाये।

कोई भी व्यक्ति स्वयं अथवा किसी अन्य के घर की छत पर ईट पत्थर आदि एकत्रित नही करेगा। अफवाह फैलाना व इसके लिये अन्य को प्रेरित करना, धार्मिक उन्माद पैदा करने संबंधित किसी भी प्रकार का एस0एम0एस0, एम0एम0 एस0 को भी प्रतिबंधित किया गया है। किसी प्रकार के पंचायत/महापंचायत बुलाना व भाग लेना भी इस धारा के अन्तर्गत प्रतिबंधित किये है। कोई भी व्यक्ति किसी धार्मिक स्थल/पूजा स्थल के आस-पास किसी भी प्रकार के प्रतिबंधित जानवर के साथ संचरण नही करेगा और न ऐसा करने के लिये प्रेरित करेगा। कोई भी व्यक्ति ऐसा कोई कार्य नही करेगा जिससे कानून एवं शान्ति व्यवस्था बिगडने की सम्भावना हो।

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