अयोध्या: तिरुपति मंदिर के लड्डू में जानवर की चर्बी मिलने पर बवाल मच गया है। लैब रिपोर्ट से पता चला है कि तिरुपति मंदिर में लड्डू बनाने के लिए जो देसी घी इस्तेमाल होता था, वो मिलावटी था। उसमें सोयाबीन, सूरजमुखी, जैतून, नारियल, कॉटन सीड और अलसी के अलावा फिश ऑयल, बीफ टैलो जैसी चीजें थीं।
इधर तिरुपति के लड्डू में चर्बी मिलने के बाद हनुमानगढ़ी अखाड़ा भी सजग हो गया है। रामनगरी में बजरंग बली की प्रधानतम पीठ हनुमानगढ़ी में विराजमान हनुमंतलला को भी प्रसाद के रूप में लड्डू अर्पित किए जाते हैं। ऐसे में हनुमानगढ़ी अखाड़ा प्रसाद की शुद्धता को लेकर सजग हो गया है। हनुमानगढ़ी के संतों की टोली ने उन कारखानों का निरीक्षण किया जहां लड्डुओं का निर्माण किया जाता है और लड्डुओं की गुणवत्ता परखी। लड्डू निर्माण की सामग्री को देखा। कारीगरों को शुद्धता व गुणवत्ता का ध्यान रखने की सख्त हिदायत दी। जांच में संत संतुष्ट नजर आए। दुकानदारों को भी गुणवत्ता युक्त प्रसाद रखने की हिदायत दी।
हनुमानगढ़ी अखाड़ा पहले से ही शुद्धता व गुणवत्ता को लेकर सजग रहा है। पहले हनुमंतलला को बेसन के लड्डू भी चढ़ाए जाते थे। कई बार इन लड्डुओं की गुणवत्ता ठीक नहीं होती थी। शुद्धता पर सवाल खड़े होने लगे थे। जिसके बाद हनुमानगढ़ी अखाड़ा ने दुकानदारों के साथ बैठक कर रिफांइड में बने बेसन के लड्डुओं की बिक्री करने पर रोक लगा दी। अब रामलला को केवल देशी घी से निर्मित लड्डू ही अर्पित किए जाते हैं।
हनुमानगढ़ी में रोजाना करीब एक लाख श्रद्धालु दर्शन-पूजन करने पहुंचते हैं। पर्व पर यह संख्या दो गुना हो जाती है। हर एक श्रद्धालु यथाशक्ति हनुमंतलला को प्रसाद जरूर अर्पित करता है। हनुमंतलला को सिर्फ देशी घी से निर्मित लड्डू ही अर्पित किए जाते हैं।