बकरीद : कुर्बानी ईद-उल-अधा का प्रमुख हिस्सा होता है, ऐसे में प्रत्येक साल मुसलमान जानवरों की कुर्बानी देते हैं जिसमें गाय भी शामिल होती है l ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने कहा कि कुर्बानी करना वाजिब है। उन्होंने मुसलमानों से अपील की कि कुर्बानी करने में ऐसा काम न करें जिससे किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचे और और अमन व भाईचारे को नुकसान के साथ ही गंदगी फैले।
मौलाना ने जारी बयान में कहा कि बकरीद मुसलमानों का अहम त्योहार है, जो याद दिलाता है कि अल्लाह की खातिर हर तरह की कुर्बानी के लिए तैयार रहना चाहिए। बकरीद में जानवरों की कुर्बानी दी जाती है लेकिन शरीयत का ये हुक्म मालदार मुसलमानों के लिए है।
इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के चेयरमैन एवं ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने बकरीद के सिलसिले में एडवाइजरी जारी कर कुर्बानी करते समय की फोटो व वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड न करने की अपील की। उन्होंने कहा कि उन्हीं जानवरों की कुर्बानी की जाए, जिन पर कोई कानूनी पाबंदी नहीं। खुली जगह, सड़क के किनारे, गली और सार्वजनिक स्थानों पर कुर्बानी न करें। जानवरों के गंदे हिस्से को सड़क या अन्य खुली जगहों पर न फेंके। ऐसा करना शरीयत के खिलाफ तो है ही, स्वास्थ्य के खिलाफ भी है। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर तय कूड़ा फेंकने की जगहों पर इसे फेंका जाए।
