सन्दीप मिश्रा
डेंगू अपने पांव पसार चुका है। शुरुआत में सामान्य-सा लगनेवाला यह बुखार देरी या गलत इलाज से जानलेवा साबित हो सकता है। वक्त पर सही इलाज हो तो हालात कंट्रोल में रहते हैं। एक्सपर्ट्स ने बताया डेंगू से बचाव और इलाज के बारे में…
कैसे और कब होता है डेंगू
डेंगू मादा एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से होता है। इन मच्छरों के शरीर पर चीते जैसी धारियां होती हैं। ये मच्छर दिन में, खासकर सुबह काटते हैं। डेंगू बरसात के मौसम और उसके फौरन बाद के महीनों यानी जुलाई से अक्टूबर में सबसे ज्यादा फैलता है क्योंकि इस मौसम में मच्छरों के पनपने के लिए अनुकूल परिस्थितियां होती हैं। एडीज इजिप्टी मच्छर बहुत ऊंचाई तक नहीं उड़ पाता।
कैसे फैलता है
डेंगू बुखार से पीड़ित मरीज के खून में डेंगू वायरस बहुत ज्यादा मात्रा में होता है। जब कोई एडीज मच्छर डेंगू के किसी मरीज को काटता है तो वह उस मरीज का खून चूसता है। खून के साथ डेंगू वायरस भी मच्छर के शरीर में चला जाता है। जब डेंगू वायरस वाला वह मच्छर किसी और इंसान को काटता है तो उससे वह वायरस उस इंसान के शरीर में पहुंच जाता है, जिससे वह डेंगू वायरस से पीड़ित हो जाता है।
कब दिखती है बीमारी
काटे जाने के करीब 3-5 दिनों के बाद मरीज में डेंगू बुखार के लक्षण दिखने लगते हैं। शरीर में बीमारी पनपने की मियाद 3 से 10 दिनों की भी हो सकती है।
जाने कितने तरह का होता है डेंगू
यह तीन तरह का होता है
1. क्लासिकल (साधारण) डेंगू बुखार
2. डेंगू हैमरेजिक बुखार (DHF)
3. डेंगू शॉक सिंड्रोम (DSS)
इन तीनों में से दूसरे और तीसरे तरह का डेंगू सबसे ज्यादा खतरनाक होता है। साधारण डेंगू बुखार अपने आप ठीक हो जाता है और इससे जान जाने का खतरा नहीं होता लेकिन अगर किसी को DHF या DSS है और उसका फौरन इलाज शुरू नहीं किया जाता तो जान जा सकती है। इसलिए यह पहचानना सबसे जरूरी है कि बुखार साधारण डेंगू है, DHF है या DSS है।
लक्षण क्या-क्या है….
साधारण डेंगू बुखार
ठंड लगने के बाद अचानक तेज बुखार चढ़ना
सिर, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना
आंखों के पिछले हिस्से में दर्द होना, जो आंखों को दबाने या हिलाने से और बढ़ जाता है
बहुत ज्यादा कमजोरी लगना, भूख न लगना और जी मितलाना और मुंह का स्वाद खराब होना
गले में हल्का-सा दर्द होना
शरीर खासकर चेहरे, गर्दन और छाती पर लाल-गुलाबी रंग के रैशेज होना
क्लासिकल साधारण डेंगू बुखार करीब 5 से 7 दिन तक रहता है और मरीज ठीक हो जाता है। ज्यादातर मामलों में इसी किस्म का डेंगू बुखार होता है।
डेंगू हैमरेजिक बुखार (DHF)
नाक और मसूढ़ों से खून आना
शौच या उलटी में खून आना
स्किन पर गहरे नीले-काले रंग के छोटे या बड़े चिकत्ते पड़ जाना
अगर क्लासिकल साधारण डेंगू बुखार के लक्षणों के साथ-साथ ये लक्षण भी दिखाई दें तो वह ष्ठ।।स्न हो सकता है। ब्लड टेस्ट से इसका पता लग सकता है।
बच्चों में खतरा ज्यादा
बच्चों का इम्युन सिस्टम ज्यादा कमजोर होता है और वे खुले में ज्यादा रहते हैं इसलिए उनके प्रति सचेत होने की ज्यादा जरूरत है। पैरंट्स ध्यान दें कि बच्चे घर से बाहर पूरे कपड़े पहनकर जाएं। जहां खेलते हों, वहां आसपास गंदा पानी न जमा हो। स्कूल प्रशासन इस बात का ध्यान रखे कि स्कूलों में मच्छर न पनप पाएं। बहुत छोटे बच्चे खुलकर बीमारी के बारे में बता भी नहीं पाते इसलिए अगर बच्चा बहुत ज्यादा रो रहा हो, लगातार सोए जा रहा हो, बेचैन हो, उसे तेज बुखार हो, शरीर पर रैशेज हों, उलटी हो या इनमें से कोई भी लक्षण हो तो फौरन डॉक्टर को दिखाएं। बच्चों को डेंगू हो तो उन्हें अस्पताल में रखकर ही इलाज कराना चाहिए क्योंकि बच्चों में प्लेटलेट्स जल्दी गिरते हैं और उनमें डीहाइड्रेशन (पानी की कमी) भी जल्दी होता है।
