बूस्टर डोज: देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या में बढ़ोतरी ने एक बार फिर से लोगों की चिंता बढ़ा दी है। कोरोना संक्रमण होने पर मौत से बचाने और गंभीर लक्षण रोकने में वैक्सीन की अहम भूमिका साबित हो चुकी है। देश में कोरोना महामारी का प्रकोप अब भी जारी है। हर रोज 15 हजार से अधिक मामले सामने आ रहे हैं और मौत के आंकड़े भी बढ़ते जा रहे हैं। इसी को देखते हुए सरकार ने सभी वयस्कों को एहतियाती खुराक देने का फैसला किया है।
केंद्र सरकार ने शुक्रवार से सभी वयस्कों को मुफ्त एहतियाती खुराक लगाने का फैसला किया है। सरकारी केंद्रों पर सभी वयस्कों को मुफ्त बूस्टर डोज लगाई जाएगी। 15 जुलाई से ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ के हिस्से के रूप में अगले 75 दिनों तक मुफ्त एहतियाती खुराक के लिए अभियान चलाया जाएगा। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस फैसले पर मुहर लगाई गई थी।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड रोधी वैक्सीन की दूसरी डोज लेने के बाद बूस्टर डोज लेने की समय सीमा को भी नौ महीने से घटाकर छह महीने कर दिया है। अब 18 साल से अधिक उम्र का कोई भी व्यक्ति सरकारी टीकाकरण केंद्र पर जाकर बूस्टर डोज लगवा सकता है।
कोरोना से बचने के लिए जहां सरकार लोगों से टीका लगवाने की अपील कर रही है वहीं अब कुछ लापरवाही भी सामने आई है। दरअसल, बूस्टर डोज को लेकर चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया है। अभी तक 18-59 वर्ष की लक्षित 77 करोड़ आबादी में मात्र एक प्रतिशत से भी कम लोगों ने बूस्टर डोज लगवाई है।
