कांवड़ यात्रा 2022: 14 जुलाई से सावन का महीना शुरू हो गया है, सावन का महीना शुरू होते ही यूपी समेत देशभर में कांवड़ यात्रा का सिलसिला शुरू हो गया था। कोविड़ के कारण 2 साल बाद इस बार यात्रा शुरू हुई है। कांवड़ मेले में करोड़ों लोगों की भीड़ उमड़ी। कांवड़ मेला भले ही सकुशल संपन्न हो गया, लेकिन कई परिवारों को जिंदगी भर न भूलने वाला गम दे गया।
मेला अवधि के 13 दिनों में 34 से अधिक लोगों की मौत हो गई। इनमें कोई सड़क हादसे का शिकार हुआ तो कोई गंगा में स्नान करते वक्त डूब गया। कुछ लोगों ने बीमारी के चलते दम तोड़ा। 261 लोगों को डूबने से भी बचाया गया।
गंगा घाटों से लेकर सड़कों पर हर रोज कांवड़ियों का रेला रहा। बाइकों पर फर्राटा भरते, ओवर स्पीड और ओवरलोड कई कांवड़ियों के वाहन दुर्घटनाग्रस्त हुए। कई घायलों ने अस्पताल पहुंचने से पहले दम तोड़ दिया। अधिकतर कांवड़ियों की डूबने या फिर उपचार के दौरान मौत हो गई। दो कांवड़ियों की फेफड़ों में इंफेक्शन से मौत हो गई।
जिला अस्पताल में वरिष्ठ नेत्र चिकित्सक डॉ. चंदन मिश्रा के मुताबिक 14 जुलाई से 25 जुलाई तक 34 शवों के पोस्टमार्टम हुए हैं। इनमें सभी शव बाहरी लोगों के थे। इनमें कोई डूबने से कोई सड़क दुर्घटना का शिकार हुआ। कई के शव मोर्चरी से बिना पोस्टमार्टम के परिजनों को सौंपे गए।
