महराजगंज
सिंदुरिया।
गोरक्षपीठाधीश्वर महन्त अवेद्यनाथ स्नातकोत्तर महाविद्यालय चौक में मदनलाल ढींगरा शहीदी दिवस मनाया गया। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. बसन्त नारायण सिंह ने छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारतीय स्वतंत्रता की चिनगारी को अग्नि में बदलने का श्रेय महान शहीद मदन लाल ढींगरा को ही जाता है। वे इंग्लैण्ड में अध्ययन कर रहे थें जहाँ उन्होने विलियम हट कर्जन वायली नामक एक ब्रिटिश अधिकारी के चेहरे पर पाँच गोली मारकर हत्या कर दी। कर्जन वायली की हत्या के आरोप में उन पर 23 जुलाई, 1909 को अभियोग चलाया गया।
मदन लाल ढींगरा ने अदालत में खुले शब्दों में कहा कि-‘‘मुझे गर्व है कि मैं अपना जीवन समर्पित कर रहा हूँ।’’ यह घटना 20वीं शताब्दी में भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन की कुछ एक प्रथम घटनाओं में से एक है। 23 जुलाई, 1909 को ढींगरा मामले की सुनवाई पुरानें बेली कोर्ट में हुई। अदालत ने उन्हें मृत्युदण्ड का आदेश दिया और 17 अगस्त, 1909 को लन्दन की पेंटविले जेल में फाँसी पर लटका कर उनकी जीवन लीला समाप्त कर दी इनका स्मारक अजमेर रेलवे स्टेशन के ठीक सामने है।
इस अवसर पर महाविद्यालय के डाॅ. मनीषा त्रिपाठी, लेफ्टिनेंट डाॅ. रामपाल यादव, श्री कृष्ण कुमार प्रजापति, श्री अजय कुमार राव, श्री विजय प्रजापति, श्रीमती प्रिती पाण्डेय , डॉ सरोज रंजन कर्मचारीगण तथा छात्र एवं छात्राएँ उपस्थित रहे।
