राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत गुरुवार को पुलिस कार्यालय, महराजगंज के तथागत सभागार में एक विशेष ला-इंफोर्समेंट उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पुलिस बल को नशे के दुष्प्रभावों से अवगत कराना और तंबाकू जैसी नशीली वस्तुओं के खिलाफ जागरूकता फैलाने हेतु प्रेरित करना था।
कार्यक्रम में सीओ फरेंदा अनिरुद्ध, जनपद के सभी थानों के एसएसआई, एसआई, अतिरिक्त निरीक्षक, एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम मौजूद रही। कार्यशाला का संचालन उप मुख्य चिकित्साधिकारी एवं नोडल अधिकारी (तंबाकू नियंत्रण) डा. खगेन्द्र प्रताप सिंह ने किया। उनके साथ डा. वीर विक्रम सिंह (उप मुख्य चिकित्साधिकारी, एनसीडी),स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी श्री भगवत सिंह एवं कम्प्यूटर ऑपरेटर श्री कमलेश यादव उपस्थित रहे।
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बताया कि तंबाकू, गुटखा, सिगरेट जैसी वस्तुएं न केवल कैंसर, हार्ट अटैक, लकवा जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बनती हैं, बल्कि समाज में अपराध, हिंसा और आर्थिक क्षति को भी बढ़ावा देती हैं। युवाओं को इन नशों से बचाने के लिए पुलिस की जागरूकता और सहभागिता बेहद अहम है।
इस मौके पर सभी पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों ने यह शपत ली कि वे स्वयं किसी भी प्रकार का नशा नहीं करेंगे और न ही किसी को करने देंगे। साथ ही, यह निर्णय भी लिया गया कि पुलिस थानों और आम जनता के बीच जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से नशा मुक्ति अभियान को गति दी जाएगी।
डा. खगेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा, “नशा केवल शरीर को नहीं, बल्कि परिवार और समाज को भी नुकसान पहुंचाता है। इससे बचाव ही सबसे बड़ा इलाज है और पुलिस विभाग इसमें एक मजबूत नेतृत्व दे सकता है।”
कार्यक्रम का उद्देश्य पुलिस बल को “नशा मुक्त भारत अभियान” से जोड़ते हुए, उन्हें नशे के खिलाफ सामाजिक लड़ाई में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करना रहा।





