कार्रवाई: बुधवार को मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह के खिलाफ एक गैर जमानती वारंट जारी किया गया। यह वारंट उनके खिलाफ दर्ज फिरौती के मामलों में जारी किया गया है। महाराष्ट्र के अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने परमबीर सिंह के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने की मांग करते हुए कहा था कि उन्होंने पुलिस की छवि खराब की है।
यह केस महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख से जुड़े 100 करोड़ रुपये की वसूली के मामले से जुड़ा है। राज्य सरकार ने इसकी जांच के लिए चांदीवाल आयोग का गठन किया है। इस मामले में आयोग परमबीर सिंह के बयान दर्ज करने व गवाही के लिए उन्हें कई बार समन भेज चुका है, लेकिन इससे बावजूद वह आयोग के सामने पेश नहीं हुए हैं।
इससे पहले सोमवार को सीआईडी ने इस मामले में दो पुलिस अधिकारियों- इंस्पेक्टर नंदकुमार गोपाले और आशा कोरके को गिरफ्तार किया था। इन दोनों को रीयल एस्टेट कारोबारी श्यामसुंदर अग्रवाल की रिपोर्ट पर गिरफ्तार किया गया है। अग्रवाल ने इसी साल 22 जुलाई को मरीन ड्राइव थाने में परमबीर सिंह व अन्य पुलिस अधिकारियों द्वारा वसूली को लेकर एफआईआर दर्ज कराई थी। अदालत के सामने पेश करने के बाद दोनों को सात दिन की सीआईडी हिरासत में भेज दिया गया था।
