Uttar Pradesh

कृषि विश्वविद्यालय के संपत्ति अधिकारी कार्यवाही के नाम पर कसा किनारा

✍️विकास शुक्ला

*मिल्कीपुर ।अयोध्या*

कृषि विश्वविद्यालय के संपत्ति अधिकारी कार्यवाही के नाम पर कसा किनारा, हस्ताक्षर बनाने से खड़े किए हाथ
कृषि विश्वविद्यालय के जिम्मेदार अधिकारियों एवं तहसील प्रशासन की कार्यशैली से नाराज व्यापारियों ने काटा हंगामा
कुमारगंज थाना क्षेत्र स्थित राजस्व गांव बवां में खातेदार द्वारा अपने खाते की भूख पर कराए जा रहे निर्माण को कृषि विश्वविद्यालय कुमारगंज की भूमि बताते हुए निर्माण कार्य बंद कराने की पैरवी कृषि विश्वविद्यालय के संपत्ति विभाग के अधिकारियों की ओर से की जा रही है। कृषि विश्वविद्यालय के संपत्ति अधिकारी की शिकायतों के बाद तहसीलदार पल्लवी सिंह स्थलीय निरीक्षण में मौके पर पहुंची और उन्होंने निर्माण कार्य रुकवा कर दोनों पक्षों का सहमति पत्र लिखाना चाही कि कृषि विश्वविद्यालय के संपत्ति अधिकारी डॉ सीताराम मिश्रा एवं प्रभारी सुरक्षा अधिकारी एसपी सिंह तथा विश्वविद्यालय के पदेन सुरक्षा अधिकारी आरके सिंह हस्ताक्षर बनाने से हाथ खड़े कर मौके से भाग खड़े हुए। हालांकि मूल खातेदार आशीष पांडे ने तहसील प्रशासन की ओर से लिखे गए सहमति पत्र पर हस्ताक्षर बना दिया और तहसीलदार पल्लवी सिंह के निर्देश पर निर्माण कार्य रुकवा दिया। बताते चलें कि कुमारगंज निवासी पवन कुमार उपाध्याय ने राजस्व गांव बवा के अभिलेखों में दर्ज गाटा संख्या 1950 अ मि में कृषि विश्वविद्यालय की भूमि को बताते हुए शिकायत की थी। जिसके बाद तहसील प्रशासन की ओर से क्षेत्रीय लेखपाल ने सरसरी नाप कर दी थी। सरसरी नाप में खातेदार आशीष पांडे रोहित पांडे एवं राहुल पांडे सहित आशा पांडे का खाते की भूमि पर कब्जा मिला था। क्षेत्रीय लेखपाल मोहम्मद अहमद विश्वविद्यालय के संपत्ति अधिकारी की शिकायतों के बाद सोमवार को कुमारगंज कस्बा स्थित रोहित पांडे के खाते की भूमि पर तहसीलदार पल्लवी सिंह सहित आधा दर्जन लेखपालों की टीम के साथ मौके पर पहुंचे जहां सैकड़ों की संख्या में व्यापारियों ने तहसीलदार सहित राजस्व कर्मियों को घेर लिया और विश्वविद्यालय प्रशासन की शिकायतों को करार देते हुए आरोप लगाया कि आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय की स्थापना बीते वर्ष 1976 में हुई थी और उसी समय विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से क्षेत्रीय किसानों की अधिग्रहीत की गई भूमि का सीमांकन कराने के उपरांत चहारदीवारी का निर्माण भी करा लिया गया था। ऐसे में अब कृषि विश्वविद्यालय की भूमि बाउंड्री वॉल के बाहर होने का औचित्य नहीं बनता। तहसीलदार पल्लवी सिंह ने व्यापारियों एवं क्षेत्रीय लोगों के भाव को समझते हुए तत्काल मौके पर निर्माण करा रहे लोगों को निर्माण रोकने का निर्देश दिया जिस के क्रम में खातेदार आशीष पांडे ने लेखपालों की टीम की ओर से उल्लिखित लेख पत्र पर हस्ताक्षर बना दिया जबकि बेनामीदार मंजू गुप्ता एवं उनके पति गया प्रसाद अग्रहरि हस्ताक्षर बनाने के समय गायब हो गए। यही नहीं कृषि विश्वविद्यालय के शिकायतकर्ता संपत्ति अधिकारी डॉ सीताराम मिश्रा एवं सुरक्षा अधिकारी एसपी सिंह विश्वविद्यालय की सुरक्षा टीम के साथ हस्ताक्षर बनाने से मना करते हुए मौके से भाग निकले विश्वविद्यालय प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों का कारनामा देख तहसीलदार पल्लवी सिंह दंग रह गई। उन्होंने भी माना कि विश्वविद्यालय प्रशासन अब कुमारगंज कस्बे के व्यापारी सहित खातेदार भू स्वामियों के प्रति दमनात्मक रवैया अख्तियार कर रहा है। विश्वविद्यालय के संपदा अधकारी डॉ सीताराम मिश्रा सहित जिला प्रभारी सुरक्षा अधिकारी डॉक्टर एसपी सिंह के कारनामे को लेकर कुमारगंज कस्बा के व्यापारियों एवं क्षेत्रीय लोगों ने सवालिया निशान लगाना शुरू कर दिया है। उनका आरोप है कि संपत्ति अघिकारी डॉ सीताराम मिश्रा खातेदारों से अनुचित अनुतोष की प्रत्याशा में व्यापारियों एवं खातेदारों का उत्पीड़न कर रहे हैं।

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