हरियाणा: हरियाणा में पंचायत और निकाय चुनावों की तैयारियों पर मंथन करने के लिए करनाल में प्रस्तावित भाजपा की प्रदेश स्तरीय बैठक का विरोध करने पर किसानों पर लाठीचार्ज किया गया है। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने हरियाणा के करनाल में किसानों पर हुए लाठीचार्ज का विरोध जताया है। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि देश में सरकारी तालिबानों का कब्जा हो चुका है। राकेश टिकैत ने कहा कि देश में सरकारी तालिबानों के कमांडर मौजूद हैं। इन कमांडरों की पहचान करनी होगी। जिन्होंने आदेश दिया सर फोड़ने का वहीं कमांडर है।
शनिवार को इस विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने न केवल किसानों पर लाठियां भांजी, बल्कि जवाब में किसानों ने पुलिस पर भी पत्थर बरसाए। इस टकराव में करीब 20 किसान घायल हो गए। जिसमें से चार गंभीर हैं। घायलों को निजी अस्पताल व स्थानीय स्वास्थ्य केंद्रों में इलाज के लिए ले जाया गया। लाठीचार्ज के दौरान वहां खड़े किसानों के वाहनों के शीशे भी टूट गए।
नौ घंटे तक नेशनल हाईवे बसताड़ा टोल पर चले इस घटनाक्रम में बार-बार जाम लगाने की जिद्द कर रहे किसानों पर पुलिस ने चार बार लाठीचार्ज किया और उन्हें हाईवे से खदेड़कर खेतों की ओर दौड़ा दिया। इस दौरान पुलिस ने करीब 30 प्रदर्शनकारी किसानों को हिरासत में भी लिया। उधर, डीसी निशांत कुमार यादव का दावा है कि कुछ पुलिस वाले भी चोटिल हुए हैं। इस टकराव के दौरान माहौल देर शाम तक पूरी तरह तनाव ग्रस्त रहा। शाम को भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी बसताड़ा टोल पर पहुंचे और धरने की कमान संभाली।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा- अन्नदाता का खून बहाना सरकार की आदत बन चुकी है। पहले सरकार जानबूझकर टकराव के हालात पैदा करती है और पुलिस अलोकतांत्रिक, अमानवीय और तानाशाही तरीके से किसानों पर हमले होते है। यह पहला मौका नहीं है, जब किसान लहूलुहान हुआ हो। कांग्रेस और इनेलो नेता इससे कत्तई इत्तफाक नहीं रखते, उन्होंने किसानों पर लाठीचार्ज की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है।