बड़ी कार्रवाई: उत्तर प्रदेश में अब बिना मान्यता के शिक्षा की दुकान सजाए बैठे माफिया पर प्रशासन ने नकेल कसना शुरू कर दिया है। अब निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार कानून-2009 के तहत बिना मान्यता के कोई भी स्कूल संचालित नहीं हो सकता है। बेसिक शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक गणेश कुमार ने बीएसए को बिना मान्यता के चल रहे विद्यालयों को बंद कराने का निर्देश के साथ ही, विद्यालय संचालकों से एक लाख रुपये जुर्माना वसूलने के भी निर्देश दिए है l
स्कूल चलो अभियान के दौरान फीडबैक मिला है कि बड़ी संख्या में बिना मान्यता के प्राथमिक विद्यालय संचालित हो रहे हैं। निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार कानून-2009 के तहत बिना मान्यता के चल रहे स्कूल बंद होंगे l बिना मान्यता के कोई भी स्कूल संचालित नहीं हो सकता है l प्रदेश में बिना मान्यता के संचालित प्राथमिक और जूनियर हाई स्कूलों को बंद किया जाएगा।
बंद करने से पहले उन विद्यालयों के बच्चों को पड़ोसी राजकीय, सहायता प्राप्त या वित्तविहीन मान्यता प्राप्त विद्यालय में प्रवेश दिलाया जाएगा। इस संबंध में बेसिक शिक्षा विभाग ने आदेश जारी किए हैं। निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार कानून-2009 के तहत बिना मान्यता के कोई भी स्कूल संचालित नहीं हो सकता है। स्कूल चलो अभियान के दौरान फीडबैक मिला है कि बड़ी संख्या में बिना मान्यता के प्राथमिक विद्यालय संचालित हो रहे हैं।
बेसिक शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक गणेश कुमार ने सभी बीएसए से बिना मान्यता संचालित विद्यालयों के खिलाफ की गई कार्रवाई की रिपोर्ट भी मांगी है। उन्होंने इस फीडबैक के बाद सभी बीएसए को बिना मान्यता के चल रहे विद्यालयों को बंद कराने और संचालकों से एक लाख रुपये जुर्माना वसूलने के निर्देश दिए हैं। बिना मान्यता या मान्यता निरस्त होने के बाद भी विद्यालय संचालित करने वाले संचालकों से दस हजार प्रतिदिन की दर से जुर्माना वसूलने को कहा गया है।