सन्दीप मिश्रा
रायबरेली: शिवगढ़ थाना के निहाल खेड़ा मजरे सूरजपुर में बुधवार की शाम 4 बजे से लापता मासूम मौसेरे भाई-बहन के शव बृहस्पतिवार की सुबह 9 बजे संदिग्ध परिस्थितियों में नाले में उतराते मिलने से परिजनों में कोहराम मच गया। खेतों के बीच स्थित नाले में थोड़े पानी में बच्चों के शव मिलने की बात ग्रामीणों के गले नही उतर रही। जिसको लेकर परिजनों एवं ग्रामीणों ने हत्या की आशंका जताई है।
जानकारी के मुताबिक निहाल खेड़ा मजरे सूरजपुर की रहने वाली वृद्धा कलावती पत्नी सत्रोहन बुधवार की शाम 4 बजे अपने 7 वर्षीय नाती शिवा पुत्र रामनरायन व 5 वर्षीय नातिन सुंदरी पुत्री शिवशंकर के साथ गांव में स्थित दिनेश यादव के पालेश्वर पर धान कुटाने गई थी। धान कुटाने में देरी होने के चलते नानी कलावती ने नाती शिवा और नातिन सुन्दरी को घर भेज दिया। जब शाम को नानी कलावती धान कुटाकर घर पहुंची और पति सत्रोहन से बच्चों के विषय में पूछा तो उसने बताया कि बच्चे घर नहीं आए हैं। जिसके बाद कलावती ने गांव में बने अपने दूसरे घर में जाकर मृतका सुंदरी की मां केतकी से पूछा तो उसने भी बताया कि शिवा और सुन्दरी घर नही आए हैं। परिजनों के साथ ग्रामीणों ने पहले तो बच्चों को गांव में तलाशा जब बच्चे गांव में नहीं मिले तो परिजनों और ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना देने के साथ ही आस-पास के गांवों में बच्चों की तलाश शुरू कर दी।
रात से लेकर सुबह तक परिजन, ग्रामीण व महराजगंज सीओ रामकिशोर सिंह, बछरावां थानाध्यक्ष राकेश सिंह,शिवगढ़ थाना इंचार्ज पंचमलाल पुलिस फोर्स के साथ बच्चों को तालाब, पोखरों,खेतों और बागों में सुबह तक खोजते रहे। किन्तु पौने 9 बजे तक बच्चों का कहीं पता नहीं चला। सुबह 9 बजे खेतों में घास काटने गए गांव के ही एक किसान ने बच्चों के शव नाले में उतराते हुए देखे तो चीखते चिल्लाते हुए ग्रामीणों को आवाज लगाई। कुछ ही देर में ग्रामीणों का घटनास्थल पर मजमा लग गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने दोनों बच्चों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
वहीं सूचना मिलते ही आनन- फानन में मौके पर पहुंचे एडिशनल एसपी विश्वजीत श्रीवास्तव, क्षेत्राधिकारी रामकिशोर सिंह,एसडीएम सविता यादव ने घटनास्थल और पालेसर का बारीकी से निरीक्षण किया। एडिशनल एसपी विश्वजीत श्रीवास्तव ने परिजनों से पूछताछ करते हुए कहाकि बच्चों के शव पीएम के लिए भेजे गए हैं पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों का पता चल पाएगा। बाद में थाने पहुंचे पुलिस अधीक्षक श्लोक कुमार से जब इस बाबत बात की गई तो उनका कहना था कि बच्चों के गायब होने की सूचना मिलने के बाद बच्चों के गायब होने की सूचना दर्जकर पुलिस बच्चों की खोजबीन कर रही थी। खोजबीन के इसी क्रम में नाले से दोनों बच्चों के शव बरामद हुए हैं। बच्चों के शरीर पर कहीं चोट के निशान नहीं पाए गए हैं, तहरीर मिलने पर तहरीर के हिसाब से मुकदमा दर्ज कर विधिक कार्यवाही की जाएगी।
ग्रामीण व परिजन जता रहे हत्या की आशंका
निहाल खेड़ा मजरे सूरजपुर में नाले में मिले मासूम मौसेरे भाई-बहन के शव को लेकर ग्रामीण और परिजन बच्चों की हत्या की आशंका जता रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि जहां नाले में बच्चों के शव मिले हैं वहां छोटे बच्चे आसानी से जा नही सकते। रोड़ किनारे स्थित जिस पालेसर से बच्चों को घर जाना था उसकी घटना स्थल से करीब 200 मीटर से अधिक दूरी होगी। वहीं नाले में बच्चों के डूबने की बात भी किसी के गले नहीं उतर रही है। क्योंकि उसमें इतना पानी नही है कि बच्चे डूब जाएं। जिसको लेकर ग्रामीण तरह-तरह के कयास लगा रहे हैं। मासूम बच्चों की मौत से पूरे गांव में गम का माहौल है। हालांकि दोनों बच्चों के शव मिलने पर खुद एडिशनल एसपी विश्वजीत श्रीवास्तव ने मौके पर पहुंच कर घटना स्थल का जायजा लिया एवं ग्रामीणों और परिजनों से पूछताछ की।
छिन गया वृद्ध नाना-नानी का सहारा
विदित हो कि निहाल खेड़ा मजरे सूरजपुर के रहने वाले सत्रोहन रावत के सिर्फ 2 बेटियां थी। जिनमें बड़ी बेटी रेखा की शादी शिवगढ़ थाना क्षेत्र के कोटवा गांव के रहने वाले नारायण से हुई थी। जिसने 2 बेटियों को जन्म दिया, बड़ा बेटा कृष्णा उम्र 8 वर्ष अपने पिता के साथ गांव में रहता है। वहीं छोटा बेटा शिवा जब 9 माह का था तब उसकी मां रेखा की मौत हो गई थी। जिसके बाद उसके नाना सत्रोहन – नानी कलावती 9 माह की उम्र में शिवा को अपने साथ ले आए थे ओर उसे अपने रख उसका पालन पोषण कर रहे थे कि एक दिन शिवा उनके बुढ़ापे की लाठी बनेगा।
वहीं सत्रोहन की दूसरी बेटी केतकी की शादी खमन खेड़ा थाना कोतवाली हैदरगढ़ जनपद बाराबंकी के रहने वाले शिवशंकर से हुई थी। जिसके 2 बेटियां थी बड़ी बेटी खुशी उम्र 6 वर्ष की है,तो वहीं छोटी बेटी सुंदरी 5 वर्ष की थी। मृतका सुंदरी की मां केतकी ने बताया कि 1 सप्ताह पूर्व उसके पिता सत्रोहन को सर्प ने डस लिया था। जिन्हें देखने के लिए वह अपनी बेटी सुंदरी के साथ मायके आई थी। पिता की तबीयत ठीक ना होने के चलते वह अपनी बेटी सुंदरी के साथ अपने माता – पिता के पास रुक गई थी। उसे क्या पता था वह मायके में रह कर अपनी बेटी सुंदरी को हमेशा के लिए खो देगी। नाती और नातिन की हृदय विदारक मौत से वृद्ध नाना – नानी और परिजनों का रो – रोकर बुरा हाल है।
