यूपी में टीईटी के प्रमाणपत्र को आजीवन वैध करने के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हरी झंडी दे दी है। अभी तक यूपी में टीईटी प्रमाणपत्र पांच वर्ष के लिए मान्य है। हर पांच साल के बाद उम्मीदवारों को दोबारा यूपी टीईटी परीक्षा पास करनी होती थी। लेकिन मुख्यमंत्री के इस आदेश के बाद अनेक युवाओं को राहत मिलेगी। अब एक बार टीईटी पास करने पर मिलने वाला प्रमाण पत्र आजीवन वैलिड होगा।सरकार के इस फैसले से 21 लाख से अधिक युवाओं को फायदा होगा। अब छात्रों को हर वर्ष टीईटी की परीक्षा नहीं देनी होगी। हालांकि अंक सुधारने के लिए छात्र जिनती बार चाहे उतनी बार परीक्षा दे सकते हैं।
आपको बता दें कि बीते दिनों केंद्र सरकार ने शिक्षक पात्रता यानी टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट की वैधता आजीवन करने का निर्णय लिया थी। इससे पहले तक शिक्षक पात्रता टेस्ट की वैधता परीक्षा के वर्ष से अगले 7 वर्ष तक के लिए मान्य होती थी। प्राइमरी व जूनियर स्कूलों यानी कक्षा 1 से 8 तक पढ़ाने के लिए TET अनिवार्य होता है। पात्रता आजीवन रहने पर अभ्यर्थियों को बार-बार परीक्षा में बैठने से मुक्ति मिलेगी और आवेदन शुल्क भी नहीं देना पड़ेगा। बता दें कि इससे पहले केन्द्र सरकार ने CTET सर्टिफिकेट की वैधता भी आजीवन करने का फैसला किया था। प्रदेश में पहली बार 2011 में यूपी बोर्ड ने परीक्षा आयोजित की थी जिसके बाद 2013 से परीक्षा नियामक प्राधिकारी परीक्षाएं आयोजित करा रहे हैं। केंद्र के आदेश के अनुसार 2011 में पास हुए कैंडिडेट्स से यह लागू होगा। राज्य सरकार या केंद्र शासित प्रशासन टीईटी की वैलिडिटी को पुनर्निधारित करने और नए TET सर्टिफिकेट जारी करने के लिए कदम उठाएंगे। यूपी में टीईटी को आजीवन वैधता मिलने से कई अभ्यर्थियों का फायदा होगा।