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उत्तराखंड चुनाव 2022: राजनीतिक दलों की बड़ी रैलियों, रोड शो की उम्मीदों पर फिरा पानी, चुनाव आयोग ने चुनावी रैलियों और रोड शो को 11 फरवरी तक बढ़ाया

उत्तराखंड चुनाव 2022: भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) विधानसभा चुनाव वाले पांचों राज्यों में कोविड के मद्देनजर रैलियों और रोड शो पर लागू प्रतिबंध की समीक्षा के लिए  वर्चुअल बैठक की और आयोग ने इसमें संबंधित राज्यों में कोरोना के मामलों को ध्यान में रखकर बड़ा फैसला लिया।

बीच कोविड संक्रमण की वजह से राजनीतिक दलों की बड़ी रैलियों, रोड शो की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। चुनाव आयोग ने पूर्व में एक फरवरी से रैलियों और रोड शो से रोक हटाने की घोषणा की थी, लेकिन अब आयोग ने समीक्षा बैठक कर इस रोक को 11 फरवरी तक बढ़ा दिया है। तब तक प्रदेश में किसी भी राजनीतिक दल के रोड शो, पद यात्रा, साइकिल, बाइक, वाहन रैली को अनुमति नहीं दी जाएगी।

हालांकि आयोग ने कुछ राहतें भी दी हैं। इसके तहत हर जिले के डीएम की ओर से निर्धारित खुली जगह पर अब 1000 लोगों की क्षमता के साथ जनसभा की जा सकेगी। पहले यह आंकड़ा 500 का था। इसमें कोविड प्रोटोकॉल का पालन अनिवार्य होगा।

प्रदेश में विधानसभा चुनाव 14 फरवरी को हैं। नियमों के हिसाब से इसके 48 घंटे पहले यानी 12 फरवरी से चुनाव प्रचार पर रोक लग जाएगी। ऐसे में 11 फरवरी तक पहले से ही बड़ी रैलियों, रोड शो पर रोक है तो प्रत्याशियों को केवल 12 फरवरी का समय मिल सकता है। हालांकि अभी चुनाव आयोग इसकी समीक्षा करने के बाद ही आगामी निर्देश जारी करेगा।

आयोग ने यह भी तय किया है कि अब नेता डोर टु डोर प्रचार में 10 के बजाए 20 लोगों को साथ लेकर जा सकेंगे। इसी प्रकार इनडोर मीटिंग में भी 300 के बजाए 500 लोगों या उस हॉल की कुल क्षमता के 50 प्रतिशत लोगों को शामिल किया जा सकेगा। सभी राजनीतिक दलों की यह जिम्मेदारी होगी कि वह अपने प्रत्याशियों की हर सभा में कोविड नियमों का पूरी तरह से पालन कराएं।

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